Gyanvapi Masjid Dispute: 'ज्ञानवापी मस्जिद नहीं साक्षात...' जानिए yogi Adityanath ने किससे कर दी तुलना

कुलदीप पंवार | Updated:Sep 14, 2024, 04:04 PM IST

Yogi Adityanath on Gyanvapi Masjid: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर विवाद चल रहा है. हिंदू पक्ष इसे असली विश्वनाथ मंदिर बताता है, जिसे मुगल बादशाह के आदेश पर गिराकर मस्जिद बना दी गई थी.

Yogi Adityanath on Gyanvapi Masjid: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद की जगह पहले हिंदू मंदिर होने का विवाद भले ही अदालत में लंबित है, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि ज्ञानवापी खुद साक्षात विश्वनाथ ही है. एक कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने बाबा विश्वनाथ और आदि शंकराचार्य के बीच हुए वाद-विवाद का हवाला देते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा,'ज्ञानवापी को दूसरे शब्दों में लोग आज भले ही मस्जिद कहते हैं, लेकिन असल में ज्ञानवापी साक्षात 'विश्वनाथ' ही है. यह बयान मुख्यमंत्री ने अपने ऑफिशियल एक्स (पहले ट्विटर) हैंडल से ट्वीट भी किया है. बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद वाराणसी के ज्योतिर्लिंग काशी विश्वनाथ मंदिर से सटकर बनी हुई है. इसे लेकर हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच कानूनी विवाद चल रहा है. 

बाबा विश्वनाथ ने चांडाल रूप में ली थी आदि शंकराचार्य की परीक्षा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबा विश्वनाथ के चांडाल रूप धरकर आदि शंकराचार्य की परीक्षा लेने की कथा का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा,'आदि शंकर जब काशी में अपने अद्वैत ज्ञान से आगे की साधना करने पहुंचे तो साक्षात भगवान विश्वनाथ ने उनकी परीक्षा लेना तय किया. एक दिन ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान के लिए जा रहे आदि शंकराचार्य के रास्ते में बाबा विश्वनाथ सबसे अधूत कहे जाने वाले एक सामान्य व्यक्ति यानी चांडाल का रूप धरकर खड़े हो गए. आदि शंकराचार्य के मुंह से स्वाभाविक रूप से निकला कि हटो मेरे मार्ग से.'

चांडाल ने पूछ लिया शंकराचार्य से ऐसा सवाल

मुख्यमंत्री ने आगे कहा,'हटने के लिए कहे जाने पार चांडाल रूपी विश्वनाथ ने आदि शंकराचार्य से एक सवाल पूछ लिया. उन्होंने कहा कि आप खुद को अद्वैत ज्ञान का विशेषज्ञ मानते हैं. फिर आप किसे हटाना चाहते हैं? आपका ज्ञान इस भौतिक काया को देख रहा है या उसमें बसे ब्रह्म को. अगर ब्रह्म सत्य है तो जो ब्रह्म आपके अंदर है, वही मेरे अंदर भी है. इस ब्रह्म सत्य को जानकर अगर आप इस ब्रह्म को ठुकरा रहे हैं तो इसका मतलब आपका ये अद्वैत ज्ञान सत्य नहीं है.' मुख्यमंत्री बोले,'चांडाल का सवाल सुनकर आदि शंकराचार्य हैरान हो गए.' 

आदि शंकराचार्य के परिचय मांगने पर तब ये बोला चांडाल

मुख्यमंत्री ने आगे कहा,'चांडाल के मुंह से ऐसी ज्ञान की बात सुनकर आश्चर्य में पड़े आदि शंकराचार्य ने उनका परिचय पूछा. कहा कि आप कौन हैं, मैं यह जानना चाहता हूं. इस पर चांडाल ने कहा कि आप जिस ज्ञानवापी की साधना के लिए, (फिर बीच में बातचीत को चांडाल की कथा से हटकर ज्ञानवापी विवाद का जिक्र करते हुए योगी आदित्यनाथ बोले) दुर्भाग्य से वो (मुस्लिम) ज्ञानवापी को आज दूसरे शब्दों में मस्जिद कहते हैं, लेकिन वो ज्ञानवापी खुद साक्षात विश्वनाथ ही हैं, जिस ज्ञानवापी की उपासना के लिए आप केरल से चलकर यहां आए हैं, मैं उसका साक्षात स्वरूप विश्वनाथ हूं.'

छुआछूत को लेकर दी लोगों को नसीहत

योगी आदित्यनाथ ने इसके बाद लोगों को समाज में फैली छुआछूत को लेकर भी नसीहत दी. उन्होंने कहा,'आदि शंकराचार्य ने बाबा विश्वनाथ का जवाब सुनकर न केवल उनके आगे मस्तक झुकाया बल्कि इस बात पर भी दुख जताया कि भौतिक अस्पृश्यता साधना के मार्ग की ही नहीं राष्ट्रीय एकता व अखंडता की भी सबसे बड़ी बाधा है. अगर इस बड़ी बाधा को हमारे समाज ने समझ लिया होता तो यह देश कभी गुलाम नहीं हुआ होता.'

क्या है ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर दावे

ज्ञानवापी मस्जिद को हिंदू पक्ष असली काशी विश्वनाथ मंदिर मानता है. हिंदू पक्ष का दावा है कि मंदिर को मुगल बादशाह के इशारे पर ध्वस्त करने के बाद मस्जिद का निर्माण किया गया है. इसके चलते मस्जिद परिसर में पूजा के अधिकार का मुकदमा हिंदू पक्ष ने अदालत में दाखिल कर रखा है, जिस पर सुनवाई चल रही है. इसके उलट मुस्लिम पक्ष का कहना है कि ज्ञानवापी मस्जिद से पहले वहां कोई मंदिर नहीं था. हालांकि अदालत के आदेश पर की गई जांच में भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI)  ने भी मस्जिद के अंदर मंदिर से जुड़े तमाम चिह्न होने की पुष्टि की है.

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