डीएनए हिंदी: Uttar Pradesh News- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 16 साल पहले 11 दिन तक जेल की सलाखों में बंद रहने का कारण बना शख्स अब गिरफ्तार हुआ है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने 16 साल से फरार चल रहे गोरखपुर दंगे का कारण बने मुख्य आरोपी शमीम को आखिरकार दबोच लिया. शमीम पर गोरखपुर में एक युवक की चाकू मारकर हत्या करने का आरोप है. इस घटना के कारण ही गोरखपुर में साल 2007 में दंगे भड़क गए थे, जिनमें आम जनता से मिलने आ रहे तत्कालीन गोरखपुर सांसद योगी आदित्यनाथ को समाजवादी पार्टी की प्रदेश सरकार ने 11 दिन तक जेल में बंद रखा था.
मोहर्रम के जुलूस के दौरान भड़का था विवाद
गोरखपुर में 25 जनवरी, 2007 को मुस्लिम समुदाय मोहर्रम का जुलूस निकाल रहा था. हिंदू इलाके से जुलूस निकलने के दौरान उसमें शामिल मुस्लिम लड़कों पर हिंदू महिलाओं से छेड़खानी करने का आरोप लगाया गया. इससे दो गुट आमने-सामने आ गए. बहसबाजी के बाद विवाद मारपीट में बदल गया, जिसमें शमीम ने एक हिंदू युवक राजकुमार अग्रहरी पर चाकू से हमला कर दिया. राजकुमार की मौत हो गई. इससे गोरखपुर में सांप्रदायिक दंगे शुरू हो गए थे. शमीम को पुलिस ने तभी गिरफ्तार कर लिया था.
2007 में ही जमानत लेकर फरार हो गया था शमीम
पुलिस ने शमीम को अदालत में पेश किया था, जहां 16 अगस्त, 2007 को अदालत ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया था. इसके बाद वह फरार हो गया था और पुलिस की पकड़ में नहीं आया था. लंबे समय तक चेन्नई में छिपा रहने के बाद करीब छह महीने पहले ही शमीम मामले को ठंडा मानकर गोरखपुर वापस लौटा था. एक शिकायत के बाद एसपी सिटी ने पुराने NBW वारंट की समीक्षा की. इस पर शमीम के फरार होने की बात सही साबित हुई और पुलिस ने उसे दबोच लिया.
संसद में फूट-फूटकर रोए थे योगी
सपा सरकार की तरफ से 11 दिन तक जेल में रखने पर योगी आदित्यनाथ इतना आहत हुए थे कि वे संसद भवन के अंदर ही रोने लगे थे. दरअसल उन्हें संसद में तत्कालीन स्पीकर सोमनाथ चटर्जी ने अपनी बात रखने का मौका दिया. भावावेश मे योगी आदित्यनाथ बहुत देर तक कुछ बोल नहीं सके और फूट-फूटकर रोने लगे. उन्होंने सपा सरकार पर षडयंत्र का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें सांसद होने के बावजूद शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया. 12 घंटे में जमानत देने के प्रावधान वाले आरोप में उन्हें 11 दिन तक जेल में बंद रखा गया. उसके बाद भी पुलिस और पीएसी लगाकर बार-बार उनके ठिकानों पर दबिश कराई गई. बड़ी संख्या में उनके समर्थकों को जेल भेजा गया. योगी आदित्यनाथ ने संसद में रोते हुए इसे पुलिसिया आतंक बताया था.
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