डीएनए हिंदी: योगी कैबिनेट में इस बार बेबी रानी मौर्य को बड़ा पद दिया जा रहा है. मौर्य को मंत्री पद देकर बीजेपी एक साथ ही कई मिशन पूरे कर रही है. महिला होने के साथ-साथ वह अनुसूचित जाति से भी आती हैं और प्रदेश में उन्हें सरकार की सबको साथ लेकर चलने की मिसाल के तौर पर पेश किया जाएगा. इसके वाला पिछड़े वर्ग से मिले समर्थन के लिए भी बीजेपी केशव प्रसाद मौर्य के साथ कुछ नए चेहरों को मंत्रीमंडल में शामिल कर संदेश देना चाहती है.
भारी मतों से की है जीत दर्ज
भाजपा की ओर से बेबी रानी मौर्य को आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से 2022 के चुनाव में लॉन्च किया गया था. दिग्गज नेता बेबी रानी मौर्य ने 76,608 से ज्यादा वोटों से बसपा प्रत्याशी किरण प्रभा केसरी को हराया है. भाजपा विधायक हेमलता दिवाकर कुशवाह से लोग खासे नाराज थे, ऐसे में भाजपा ने चुनावी मैदान में बेबी रानी मौर्य को उतारा था. पार्टी के जताए भरोसे पर बेबी खरी उतरी हैं और बड़ी जीत दर्ज की है.
मेयर, राज्यपाल और अब मंत्री
बेबी रानी मौर्य की राजनीतिक यात्रा खासी दिलचस्प है. वह मंत्री बनने से पहले उत्तराखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं. उन्होंने साल 1995 में भाजपा का दामन थामा था. उसी साल उन्हें भाजपा से मेयर पद का प्रत्याशी बनाया गया था. चुनाव जीतकर वह आगरा की पहली महिला मेयर बनीं थी. भाजपा में वह 1997 में राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा की कोषाध्यक्ष भी रह चुकी हैं. 2002 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रही हैं. बेबी का अब तक का करियर विविधता से भरा हुआ है.
2007 में हार गई थीं चुनाव
2022 के चुनाव में बेबी रानी मौर्य ने बेहद उत्साह के साथ प्रचार में हिस्सा लिया था. उन्होंने बढ़-चढ़कर जनता से संवाद की कोशिश की थी और सरकार की उपलब्धियां गिनाई थीं. 2022 के चुनाव में जीत से पहले वह 2007 में एतमादपुर से चुनाव लड़ी थीं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
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