जाते-जाते 2 को नई जिंदगी दे गया 16 महीने का मासूम, पढ़ें- अंगदान की पूरी कहानी!

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 25, 2022, 05:19 PM IST

रिशांत (फाइल फोटो)

दिल्ली के एम्स में एक 16 महीने के बच्चे ने दम तोड़ दिया. उसने अभी ठीक से दुनिया भी नहीं देखी थी और दुनिया छोड़कर चला गया. लेकिन, जाते-जाते उसने कई लोगों को जिंदगी दे दी. पढ़ें हमारे रिपोर्ट पूजा मक्कड़ की रिपोर्ट...

डीएनए हिन्दी: राजधानी दिल्ली के एम्स से एक ऐसी खबर आई है जो आपको खुश भी करती है और थोड़ा उदास भी कर जाती है. एम्स में 16 महीने के एक बच्चे ने दम तोड़ दिया, लेकिन उसके माता-पिता ने अपने मासूम के सभी अंगों को दान करने का फैसला लिया. इस मासूम के अंगों ने 2 लोगों को नया जीवन भी दे दिया है. 

दरअसल 17 अगस्त 2022 को दिल्ली के यमुना पार्क में रहने वाला 16 महीने का रिशांत खेलते-खेलते गिर पड़ा, जिससे उसके सर में चोट लग गई. बच्चे के माता-पिता ने पहले उसे पास के प्राइवेट अस्पतालों में दिखाया. बाद में उसकी हालत बिगड़ती देख उसे एम्स के ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंचे. इतने छोटे बच्चे के सर में गंभीर चोट लगने की वजह से उसकी हालत काफी गंभीर थी.

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24 अगस्त को डॉक्टरों ने इस बच्चे को ब्रेन डेड घोषित कर दिया इसके बाद परिवार को समझाया गया कि वह चाहे तो बच्चे के अंग दान कर सकते हैं. रिशांत घर में सभी का लाडला था, लेकिन इससे पहले कि वह ठीक से अपने पैरों पर खड़ा हो पाता दुनिया छोड़ कर चला गया.

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रिशांत के पिता एक प्राइवेट नौकरी करते हैं और उसकी 5 बड़ी बहने हैं. रिशांत के माता-पिता को यह विचार अच्छा लगा. उन्होंने अंग दान की सहमति दे दी. रिशांत की किडनी एक 5 साल के बच्चे को लगाई गई. वह बच्चा एम्स में ही भर्ती था. उसका लीवर दिल्ली के मैक्स अस्पताल में 6 महीने की एक बच्ची को ट्रांसप्लांट कि गया. साथ ही रिशांत के कई अंगों को एम्स में सुरक्षित रख लिया गया है.

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एम्स में ऑर्गन डोनेशन की प्रमुख डॉक्टर आरती विज के मुताबिक यह एक मुश्किल प्रक्रिया है. पहले परिवार को ऑर्गन डोनेशन के लिए मनाना और फिर तय समय में दान किए गए अंगों को सही तरह से इस्तेमाल कर लेना. इसमें बहुत से डिपार्टमेंट मिलकर काम करते हैं तभी जाकर किसी को नया जीवन मिल पाता है.

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