डीएनए हिन्दी: मध्य प्रदेश के मुरैना में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है. मुरैना के एक सरकारी अस्पताल में 8 साल का मासूम बच्चा अपने 2 साल के छोटे भाई का शव लेकर घंटों अकेले बैठा रहा. बच्चे का पिता शव अपने गांव तक ले जाने के लिए गाड़ी की तलाश में इधर-उधर भटकता रहा, लेकिन किसी ने मदद नहीं की. इस मासूम की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सरकार की खूब फजीहत हुई. सोमवार को सरकार ने इस पर सख्त रुख अपनाया है.
अब सरकार ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से जांच रिपोर्ट मांगी है। गृह मंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि जिला पंचायत सीईओ को शाम तक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। सिविल सर्जन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने घटना को गंभीरता से लेते हुए पीड़ित परिवार को आवश्यक आर्थिक सहायता भी दी है।
इस मामले पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र ने मुरैना के पंचायत सीईओ को जांच के निर्देश दिए हैं. उन्होंने पंचायत सीईओ से सोमवार की शाम तक रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है. साथ ही गृह मंत्री सिविल सर्जन को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है. उनसे पूरे मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है. गृह मंत्री ने कहा कि यह बेहद संवेदनशील मामला है और हम परिवार को आर्थिक मदद भी कर रहे हैं.
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दरअसल यह पूरा मामला मुरैना जिला अस्पताल का है. जिले के अंबाह गांव के रहने वाले पूजा राम जाटव अपने 2 साल के बच्चे के इलाज के लिए जिला अस्पताल आए थे. उनके बेटे का नाम रााज था. पूजा राम के साथ उनका 8 साल का बेटा गुलशन भी था. राजा को पेट में तकलीफ थी. इलाज के दौरान राजा की मौत हो गई.
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बेटे की मौत के बाद पूजा राम का दर्द और बढ़ गया. वह बेटे का शव घर ले जाना चाहते थे, लेकिन अस्पताल की तरफ से कोई गाड़ी नहीं मिली. वह सस्ती गाड़ी की तलाश में बाहर घंटों भटकते रहे. इस बीच वह अपने 2 साल के बेटे की शव 8 साल के बेटे गुलशन की गोद में रखकर गाड़ी की तलाश करने निकल गए थे. यह तस्वीर दिल दहला देने वाली थी. लेकिन, वहां मौजूद किसी भी सरकारी कर्मचारी और आम लोगों का दिल नहीं पसीजा.
हालांकि, इसकी जानकारी कोतवाली के पुलिस इन्पेक्टर योगेंद्र यादव को मिली तो उन्होंने पूजा राम की मदद की और गाड़ी की व्यवस्था कर बेटे के शव को उनके गांव अंबाह भिजवाया.
इस तस्वीर के वायरल होने के बाद सियासत भी गरमा गई है. मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने ट्विटर पर लिखा है, 'ये दर्दनाक तस्वीर भावुक भी कर रही है और मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर गुस्सा भी दिला रही है. मध्यप्रदेश में एक आठ साल के बच्चे की गोद में अपने छोटे भाई का शव है और पिता एम्बुलेंस खोजने निकले हैं. यही है पीएम मोदी की व्यवस्थाओं का सच.'
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