डीएनए हिन्दी: बुधवार की रात नीट की परीक्षा के रिजल्ट आ गए. अहमदाबाद के 52 साल के प्रदीप कुमार के चेहरे पर खास खुशी थी. जिस सपने को उन्होंने लंबे से समय से संजोए रखा था वह साकार हो रहा था. करीब 3 दशक पहले अहमदाबाद के बोदकदेव के रहने वाले प्रदीप कुमार ने सक्रिय पढ़ाई छोड़ दी थी. उन्होंने इस बार नीट की परीक्षा में 720 में से 607 पॉइंट हालिस किए हैं. ज्यादातर लोग सोच रहे होंगे कि प्रदीप कुमार डॉक्टर बनना चाहते हैं, लेकिन यह सत्य नहीं है. वास्तव में वह डॉक्टर न बनकर गरीब छात्रों को मुफ्त कोचिंग देना चाहते हैं ताकि उन बच्चों का डॉक्टर बनने का सपना साकार हो सके.
टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में प्रदीप कुमार ने कहा कि 52 साल की उम्र में मैंने 98.98 पर्सेंटाइल हासिल किया. हालांकि, मेरा मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने का कोई इरादा नहीं है. मैं गरीब छात्रों के लिए नीट की मुफ्त कोचिंग शुरू करना चाहता हूं. उन्होंने बताया कि मेरी तैयारी में मेरे बेटे बिजिन स्नेहांश का पूरा सहयोग मिला. वह एनएचएल मेडिकल कॉलेज के थर्ड ईयर का छात्र है.
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प्रदीप कुमार ने कहा कि 1987 में दिल्ली से उन्होंने 12वीं की परीक्षा पास की थी. 12वीं में उन्हें 71 फीसदी मार्क्स मिले थे. बाद में उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से बिजनेस इकोनॉमिक्स में मास्टर डिग्री हासिल की. शुरू में उन्होंने कई नौकरियां कीं, लेकिन बाद में अपना व्यवसाय शुरू किया.
प्रदीप कुमार ने कहा कि 2019 में बिजिन ने नीट के लिए अप्लाई किया था. उसे 595 अंक मिले थे. उन्होंने कहा कि जब मेरे बेटे ने नीट की तैयारी शुरू की तो मैंने उसमें रुचि लेना शुरू किया. मुझे अहसास हुआ कि कोचिंग संस्थान मोटी फीस लेते हैं. वर्तमान माहौल में गरीब बच्चों के डॉक्टर बनने का सपना शायद ही पूरा हो.
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मैंने अपने सपने को बेटे शेयर किया. बेटे का बायोलॉजी अच्छा है और मेरी रुचि फिजिक्स में है. हम दोनों ने मिलकर मुफ्त कोचिंग देने का फैसला किया है. फिलहाल हम अपने घर पर कुछ गरीब छात्रों को पढ़ाते हैं. हालांकि, एक विश्वास की कमी थी, वह नीट क्लियर करने के बाद दूर हो गई.
ध्यान रहे कि 2021 नेशनल मेडिकल काउंसिल ने NEET की ऊपरी आयु सीमा हटाने का निर्णय लिया था. इसी का फायदा उठाकर मैंने नीट की परीक्षा पास की.
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