डीएनए हिंदी: अमरनाथ यात्रा की मिसाल हमेशा ही देश की एकता और समावेशी संस्कृति के तौर पर दी जाती है. इस साल भी इसकी मिसाल देखने को मिल रही है. रविवार को मीरबाजार पहुंचे श्रद्धालुओं का स्थानीय लोगों ने भव्य स्वागत किया है. यात्रियों को स्थानीय स्वयंसेवी समूहों की ओर से चाय-नाश्ता दिया गया और उनके आराम करने के लिए खास तौर पर टेंट का इंतजाम किया गया है. गृह मंत्रालय की ओर से इससे जुड़ी तस्वीरें शेयर की गई हैं.
फूल देकर स्वागत, कैंप में शान से सजा तिरंगा
यात्रियों के कैंप पहुंचने पर उनका फूल देकर स्वागत किया गया और देश की शान तिरंगा भी लगाया गया है. बता दें कि कश्मीर के अनंतनाग जिले में ही बर्फानी बाबा की गुफा है और हिंदू तीर्थयात्री बड़ी संख्या में यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं. यात्रियों को गर्म दूध, चाय भी दी गई है.
यात्रा का पूरा रास्ता ही मुस्लिम बहुल इलाका है लेकिन दशकों से यहां हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल देखने को मिलती है. अमरनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से कश्मीर की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलता है क्योंकि दर्शन के बाद ज्यादातर यात्री आसपास के पर्यटन स्थलों का भी दौरा करते हैं.
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यात्रियों के लिए बेस कैंप का इंतजाम
बता दें कि 2 साल बाद यात्रा की फिर से शुरुआत हुई है और इसलिए खास तौर पर विशेष प्रबंध किए गए हैं. यात्रियों के लिए बेस कैंप बनाए गए हैं और कैंप में पीने के पानी, फर्स्ट एड, जरूरी दवाओं समेत तमाम जरूरी चीजों का इंतजाम किया गया है. सुरक्षा के लिहाज से भी यह यात्रा बहुत संवेदनशील मानी जाती है. इस बार सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और ड्रोन से निगरानी की जा रही है.
यात्रियों की सुविधा के लिए ऐप भी लॉन्च किया गया है ताकि उन्हें मौसम से जुड़ी सारी जानकारी और अपेडट मिलते रहें. इस बार अमरनाथ यात्रा में 8 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद की जा रही है. उम्मीद की जा रही है कि बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने से कश्मीर की अर्थव्यवस्था को भी मदद मिलेगी.
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