Sachin Pilot गद्दार हैं, Congress उन्हें नहीं बना सकती मुख्यमंत्री, अशोक गहलोत के बयान पर राजस्थान में सियासी बवाल!

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 24, 2022, 05:54 PM IST

Sachin Pilot vs Ashok Gehlot

Ashok Gehlot vs Sachin Pilot: अशोक गहलोत ने कहा है कि सचिन पायलट के पास 10 विधायक भी नहीं है, उन्हें मुख्यमंत्री कैसे बनाया जा सकता है.

डीएनए हिंदी: राजस्थान (Rajasthan) कांग्रेस (Congress) के भीतर मची कलह अब सार्वजनिक मंचों पर नजर आ रही है. अब अशोक गहलोत और सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच जुबानी तल्खी बढ़ती जा रही है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में सचिन पायलट को गद्दार तक बता डाला है. यह भी उन्होंने कहा है कि उनके पास 10 विधायक भी नहीं हैं, ऐसे में कांग्रेस आलाकमान उन्हें कैसे मुख्यमंत्री बना देगा. यह भी इशारा साफ हो गया है कि 2023 में भी अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो गहलोत मुख्यमंत्री का पद सचिन के लिए छोड़ने वाले नहीं हैं. 

अशोक गहलोत ने NDTV को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा, 'एक गद्दार मुख्यमंत्री नहीं हो सकता है. हाईकमान सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बना सकता है. एक आदमी जिसके पास 10 विधायक भी नहीं हैं, जिसने विद्रोह किया है, जिसने पार्टी को धोखा दिया है, वह गद्दार है.'

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विधानसभा चुनाव से पहले तकरार, बिगाड़ न दे कांग्रेस का गेम

2023 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं लेकिन राज्य के दो बड़े दिग्गज नेता एक-दूसरे के पर कतरने में जुट गए हैं. सचिन पायलट को राजस्थान कांग्रेस का भविष्य कहा जा रहा है लेकिन अशोक गहलोत को वह जरा भी पसंद नहीं हैं. कांग्रेस आलाकमान से लेकर प्रदेश पर्यवेक्षक तक, सचिन पायलट और अशोक गहलोत में संधि कराने की कोशिश कर चुके हैं लेकिन हमेशा निराशा ही हाथ लगी है.

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अशोक गहलोत इंटरव्यू में यहीं पर नहीं रुके. उन्होंने 2020 का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा पहली बार हुआ था कि एक पार्टी अध्यक्ष ने ही अपनी सरकार गिराने की कोशिश की थी. अशोक गहलोत ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस विद्रोह को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने हवा दी थी. इस विद्रोह की फंडिंग बीजेपी ने की थी.

पायलट के खिलाफ हमेशा सख्त रहे हैं अशोक गहलोत के तेवर 

अशोक गहलोत के तेवर हमेशा सचिन पायलट के खिलाफ तल्ख ही रहे हैं. 2020 में जब सचिन पायलट अपने गुट के विधायकों के साथ शिफ्ट हुए थे, तब उन्हें अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को निकम्मा और नकारा कह दिया.

कितना पुराना है अशोक गहलोत-सचिन पायलट के बीच विवाद?

2018 के विधानसभा चुनावों में गहलोत और पायलट के बीच मनमुटाव सामने आया था. टिकट बंटवारे, सीएम पद, मंत्रियों का चयन और विभागों के बंटवारे को लेकर दिन-ब-दिन दोनों नेताओं के बीच तल्खी बढ़ती गई. कांग्रेस आलाकमान ने मुख्यमंत्री पद अशोक गहलोत को दे दिया और सचिन पायलट को डिप्टी सीएम की पोस्ट. 

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साल 2020 में सचिन पायलट को यह एहसास हुआ कि उनकी पार्टी में नहीं सुनी जा रही है. उन्होंने कांग्रेस के 18 विधायकों के साथ अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी. दोनों नेताओं के बीच पहली बार तनाव सार्वजनिक स्तर पर नजर आया. विवाद बढ़ने के बाद सचिन पायलट को मुख्यमंत्री और राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था.

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