Assam Floods: असम में बढ़ता जा रहा है बाढ़ का प्रकोप, 55 लाख लोग प्रभावित, 89 की मौत

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 22, 2022, 07:23 PM IST

असम के हजारों गांव पानी में डूबे

Assam Floods 2022 Update: असम में बाढ़ का कहर बढ़ता जा रहा है. अभी तक 55 लाख लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और 89 लोगों की मौत हो गई है.

डीएनए हिंदी: असम में ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों में लगातार बढ़ रहे जलस्तर की वजह से बाढ़ की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. बाढ़ का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है क्योंकि और इलाके बाढ़ (Assam Floods) की चपेट में आ रहे हैं. अब तक 32 जिलों के 55 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. मई के दूसरे हफ़्ते से अब तक दो चरणों में आई बाढ़ की वजह से 89 लोगों की जान जा चुकी है. सीएम हिमंता बिश्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने बुधवार को ट्रेन से नगांव जिले का दौरा किया और बाढ़ के हालात का जायजा लिया स्थिति का आकलन किया. अधिकारियों ने बताया कि नगांव बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और करीब 4,57,381 लोग प्रभावित हुए हैं जिनमें से 15,188 लोगों ने 147 राहत शिविरों में शरण ली है.

सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्वीट किया, 'रेलगाड़ी से गुवाहाटी से बाढ़ प्रभावित चापरपमुख और कामपुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरान किया. इस यात्रा से मुझे पटरियों के किनारे बाढ़ प्रभावित इलाकों को करीब से देखने को मिला जो बाढ़ से प्रभावित हैं और यह हमें उचित निर्णय लेने में मदद करेगा.' उन्होंने बताया कि कोपिली नदी के बाढ़ के पानी ने नगांव जिले के बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया है और भविष्य में ऐसी आपदा से बचने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे. सरमा ने चापरमुख रेलवे स्टेशन पर लोगों से संवाद किया जिन्होंने वाहां पर शरण ली है और उनको मुहैया कराई जा रही राहत सामग्री की जानकारी ली. 

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लगातार बढ़ रहा है नदियों का जलस्तर
उन्होंने कहा, 'हर संभव मदद का भरोसा दिया. मैंने जिला प्रशासन को प्रभावित लोगों को पर्याप्त राहत सामग्री सुनिश्चित करने और तैयार रखने का निर्देश दिया.' अधिकारियों ने बताया कि बराक घाटी के तीन जिलों कछार, करीमगंज और हैलाकांडी में स्थिति गंभीर बनी हुई क्योंकि बराक और कुशियारा नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और घाटी के बड़े हिस्से को अपनी चपेट में रहे हैं. 

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राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मी कछार जिले में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के काम में लगे हैं जबकि राज्य आपदा मोचन बल और अन्य एजेंसियों को बाकी के दो जिलो में तैनात किया गया है. कछार जिले में 506 गांवों के 2,16,851 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं जबकि करीमगंज में 1,47,649 और हैलाकांडी में एक लाख बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.

55 लाख लोग हुए प्रभावित, 89 की मौत
अधिकारियों के मुताबिक, असम के 36 जिलों में से 32 जिलों के 55,42,053 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि बीते 24 घंटे के दौरान सात और लोगों की मौत बाढ़ संबंधी घटनाओं में हुई है जिससे बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 89 हो गई है जबकि कामरूप जिले में एक व्यक्ति लापता है. बुलेटिन के मुताबिक, बरपेटा जिला सबसे अधिक प्रभावित है जहां पर 12,51,359 बाढ़ के साए में रह रहे हैं जबकि धुबरी में 5,94,708 और दर्रांग जिले में 5,47,421 लोग प्रभावित हुए हैं. 

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बारिश की वजह से आई बाढ़ से 121 राजस्व क्षेत्र और 5,577 गांव प्रभावित हुए हैं और 862 राहत शिविरों में 2,62,155 लोगों ने शरण ली है. वहीं, जिन लोगों ने राहत शिविरों में शरण नहीं ली है, उन्हें 825 स्थानों पर राहत सामग्री बांटी जा रही है. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के मुताबिक, कोपिली नदी नगांव के कामपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जबकि ब्रह्मपुत्र नदी निमितियाघाट, तेजपुर, गुवाहाटी, कामरूप, गोलपाड़ा और धुबरी में खतरे से ऊपर बह रही है. पुथीमारी, पगलाडिया, बेकी बराक और कुशियारा सहित कई अन्य नदियों का जल स्तर भी खतरे के निशान से ऊपर है. बाढ़ से 1083306.18 हेक्टेयर बुआई वाले इलाके और 36,60,173 मवेशी प्रभावित हुए हैं.

316 सड़कें और 20 पुल टूटे
असम में सात स्थानों पर तटबंध टूटे हैं जबकि 316 सड़कें और 20 सेतु क्षतिग्रस्त हो गए हैं. काजीरंगा राष्ट्रीय अभयारण्य में 233 शिविरों से 26 पानी में डूब गए हैं और कम से कम 11 जानवरों की मौत हुई है. वहीं, पोबितोरा वन्य जीव अभयारण्य के 25 शिविरों में से 14 बाढ़ से प्रभावित हुए हैं लेकिन किसी जानवर की मौत की खबर नहीं है. बक्सा, बिश्वनाथ, बोंगाईगांव, चिरांग, धुबरी, हैलांकांडी, लखीमपुर, मोरीगांव, लबाड़ी, सोनितपुर, दक्षिण सलमारा, तामुलपुर, तिनसुकिया और उदागुड़ी जिलों में नदियों के किनारे बड़े पैमाने पर जमीन कटने की खबर है.
 

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