Scam Alert: अब ATM पर भी है ठगों की नजर, कार्ड फंसाकर हो रहा फ्रॉड, कैसे ठगी का शिकार होने से बचें? जानिए
एटीएम कार्ड मशीन में फंसाने के लिए ठग तरह-तरह के जुगाड़ भिड़ा रहे हैं.
ऑनलाइन फ्रॉड के बाद अब ATM मशीनें भी ठगों के निशाने पर हैं. कार्ड मशीन में फंसाकर पैसे निकालने वाले गैंग से अलर्ट रहने की जरूरत है.
डीएनए हिंदी: ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच एक ठगों ने एक और तकनीक निकाली है. अब एटीएम मशीनों में डेबिट-क्रेडिट कार्ड फंसाकर पैसे ठगी करने के मामले सामने आ रहे हैं. कार्ड फंसने के बाद कुछ लोग मदद के लिए आते हैं और मदद के नाम पर कार्ड नंबर से लेकर CVV नंबर तक हासिल कर लेते हैं. लोग एटीएम फंसने की वजह से परेशान होकर अपनी जरूरी डीटेल्स जैसे पिन, कार्ड नंबर और सीवीवी नंबर तक शेयर कर देते हैं फिर ठग आसानी से सारा पैसा निकालकर फुर्र हो जाते हैं. दिल्ली की रहने वाली दिव्यांशी के साथ ऐसा ही एक फ्रॉड होते-होते बचा है.
दिव्यांशी पेशे से मेडिकल सोशल वर्कर हैं. उनके साथ भी कुछ ऐसा हुआ है. 25 नवंबर को शाहीन बाग के पास एक एटीएम से वह कुछ पैसे निकालने गईं थीं. जब उन्होंने अपना कार्ड मशीन में डाला तो वह फिक्स हो गया. वह लगातार कोशिश करती रहीं कि कार्ड निकल जाए, कार्ड नहीं निकला. एटीएम मशीनों पर अक्सर भीड़ ज्यादा होती है, इसलिए कई लोग लगातार आते रहे. लोग परेशान देखकर अलग-अलग सुझाव देते रहे. मशीन के पास ही एक बोर्ड पर गार्ड का नंबर लिखा था. यह नंबर प्लांटेड था. एक आदमी बार-बार सलाह दे रहा था कि इसी नंबर पर डायल करो. उन्होंने नंबर डायल किया तो उसने कहा कि हमने आपकी शिकायत नोट कर ली है.
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मदद करने के नाम पर उसने दिव्यांशी से उनके कार्ड का पिन तक पूछ लिया. जल्दबाजी में उन्होंने नंबर भी दे दिया. फिर मशीन के मॉनिटर पर कुछ डीटेल्स खुद फिल होने लगे. इसी दौरान उन्होंने कैंसल बटन प्रेस कर दिया. तत्काल उन्होंने ट्विटर से लेकर हेल्पलाइन नंबर तक डायल किया. आनन-फानन में उन्होंने अपना कार्ड ब्लॉक कराया. एक शख्स लगातार उनसे कह रहा था कि आप कार्ड छोड़कर चली जाइए. 3 से 4 घंटे में हमारी टीम आपके कार्ड को बाहर निकाल देगी. दिव्यांशी वहां से गईं नहीं बल्कि अपने कार्ड को निकालने पर अड़ गईं. उन्होंने कार्ड किसी तरह से निकाल लिया और एटीएम को ब्लॉक कर दिया. वहां मौजूद एक शख्स ने कहा कि उसके भी 20,000 हजार रुपये ठगों ने ऐसे ही ठगे हैं.
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जब यह सबकुछ हो रहा था तो एक पुलिसकर्मी भी वहां मौजूद था. एटीएम से थोड़ी दूर पर ही पुलिस स्टेशन था. उसने कहा कि इस इलाके में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं. दिव्यांशी ने अपनी आपबीती खुद शेयर की है. पढ़िए-
दिव्यांशी ने फेसबुक पर लिखा है, 'आज शाम को एटीएम यूज करने गई तो कार्ड डालते ही कार्ड मशीन में फिक्स हो गया. काफी कोशिश के बाद भी उसे निकालने में असक्षम रही. इसी बीच वहां और भी लोग एटीएम यूज करने के लिए आ रहे थे जा रहे थे. वहीं एक कागज के गत्ते पर एक मोबाइल नंबर लिखा था जिस पर गार्ड लिखा हुआ था किसी की सलाह पर मैंने वह नंबर मिलाया और बात की. उसने खुद को एटीएम का गार्ड बताया और मेरी समस्या सुनने के बाद उसने मुझसे कहा कि 4 बार क्लियर का ऑप्शन प्रेस करें और अपना पिन कोड डालकर एंटर करें. यह सब करने के बाद भी कार्ड मशीन से रिमूव नहीं हुआ.'
दिव्यांशी बताती हैं, '2 मिनट बाद उसका कॉल दोबारा आया और उसने मुझसे कहा कि आप कार्ड को जस का तस छोड़ दें. मशीन को हाथ न लगाएं. हमारी टीम आएगी और 2 से 3 घंटे में आपका कार्ड रिमूव कर देगी तब आप आकर अपना कार्ड ले जाना. मैंने उससे पूछा आप कह रहे हैं कि दो-तीन घंटे तक मेरा कार्ड मशीन मे ही फंसा रहेगा? और मैं अपना कार्ड छोड़कर क्यों जाऊं? अगर आप ड्यूटी पर हैं तो फौरन आइए और मेरी मदद कीजिए. इस पर उसका कहना था कि मैम आप जाइए.'
दिव्यांशी लिखती हैं, 'मैंने कहा ठीक है मैं आपके बैंक की सीनियर अथॉरिटी से बात करती हूं. अपनी शिकायत दर्ज कराती हूं. ऐसा कह कर मैंने फोन काट दिया. तुरंत उसका फोन आया और उसने मुझसे कहा मैडम मैं आपको अपने ऑफिसर का नंबर दे रहा हूं, आप उनसे बात कीजिए. उनको शिकायत कीजिए. अब उसकी बातों से मुझे शंका होने लगी थी मैंने कहा मैं शिकायत कस्टमर केयर या बैंक में ही दर्ज करवाउंगी और मैंने फोन काट दिया.'
दिव्यांशी ने कहा, 'एटीएम मशीन में पैसे डालने वालों की टीम भी वहां आ गई. मैंने सारी घटना का जिक्र उनसे किया और उनसे मदद मांगी. उन्होंने बताया मैडम यहां कोई गार्ड है ही नहीं. ये किसी फ्रॉड का नम्बर है. हम कई दिनो से इसके चक्कर में हैं. आपने कोई पासवर्ड या ओटीपी तो शेयर नहीं किया ना? मैंने कहा नहीं. फिर उन्होंने कहा ठीक है मैडम कोशिश करते हैं. उन्होंने एटीएम मशीन को खोला. उन्होंने बताया कि मैडम एटीएम मशीन से छेड़छाड़ की गई है कार्ड लगाने वाली जगह पर एलफी का प्रयोग किया गया है जिससे कोई भी का डाले तो कार्ड फंस जाए. अगर मशीन में फंसा होता तो हम निकाल देते पर लेकिन हम कुछ नहीं कर पा रहे.'
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दिव्यांशी लिखती हैं, 'पैसे डालने आई टीम ने कहा कि मशीन से छेड़छाड़ की गई है. इसलिए उन्होंने पैसे नहीं डाले एटीएम में. एटीम की फोटो वगैरह ले ली. तभी वहीं बीट वाला एक पुलिस वाला भी आ गया. उसने भी सारी समस्या को सुनकर बताया कि आजकल ऐसे कई तरीकों से फ्रॉड चल कहा है. आप तुरंत कार्ड ब्लॉक करवा दीजिए. मैंने कार्ड ब्लॉक कराया. कार्ड को मशीन से प्लास के जरिए खींचकर तोड़ दिया. अतः शायद एक बडे स्कैम से बच गई. प्रतिदिन नए तरीके अपनाए जा रहे हैं फ्रॉड के.'
अगर आपके साथ हो जाए ऐसा स्कैम तो क्या करें?
अगर आपका कार्ड एटीएम में फंस जाता है तो घबराएं नहीं. इसे आपके लिए बाहर निकाल पाना मुश्किल है. एटीएम मशीन के साथ भी छेड़-छाड़ न करें. यह भी अपराध है. तत्काल कैंसिल बटन प्रेस करें. कुछ सेकेंड्स तक इंतजार करें. आसपास कोई भी, उसकी मदद न लें, न ही अपना पिन, सीवीवी नंबर और कार्ड नंबर शेयर करें. वहां लिखे किसी हेल्पलाइन नंबर पर भरोसा न करें. अपने बैंक ऐप पर लिखे आधिकारिक नंबर पर कॉल करें. यह चेक करें कि आपका बैंक ट्रांजैक्शन रद्द हो गया है या नहीं. अपने बैंक से संपर्क करें. अगर आपका कार्ड फिर भी न निकले तो लगातार बैंक को कॉल करें. आप बैंक से पूरी बात बताएं. बैंक का नाम और लोकेशन भी मेंशन करें. इसके अलावा आसपास मौजूद किसी भी शख्स पर भरोसा न करें, न ही सलाह मानें.
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क्या है ठगों का मोडस ऑपरेंडी?
ऐसी सिचुएशन में ठग आपके कार्ड का नंबर हासिल कर लेते हैं. अगर आप कार्ड मशीन में ही छोड़कर जाते हैं तो उनके पास आपका पिनकोड होता है. मदद के नाम पर पर कार्ड नंबर, सीवीवी नंबर और एक्सपायरी डेट पहले ही नोट कर लेते हैं. फंसा हुआ इंसान अनजाने में ही अपना ओटीपी तक शेयर कर बैठता है. ठगों की नजर इसी पर रहती है. वे आपके खाते से सारी रकम निकालकर रफूचक्कर हो जाते हैं. अगर आप कार्ड मशीन में छोड़ कर, बिना ब्लॉक कराए घर चले जाते हैं तो मुश्किलें और बढ़ जाती हैं. उनके पास आपका पिन होता है. वे कार्ड को मशीन से बाहर निकालने की ट्रिक जानते हैं. री-एंटर करके आपके खातों से रकम उड़ाने में उन्हें पलभर भी नहीं लगता. ऐसी स्थिति में हमेशा सावधानी बरतें, तभी ठगी से बच सकते हैं.
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