डीएनए हिन्दी: महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार जाने के बाद पूरा विपक्ष सदमे में था, लेकिन बिहार (Bihar) ने फिर से उनके चेहरे पर मुस्कुराहट ला दी है. एनडीए ने महाराष्ट्र में शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के साथ खुद को मजबूत किया. वहीं, नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की एक चाल से बिहार में एनडीए सत्ता से बाहर हो गई.
महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद विपक्ष का मनोबल टूट गया था. वहां बीजेपी ने पूरी रणनीति के साथ तख्तापलट के अंजाम दिया. तीन दलों की महाविकास अघाड़ी की सरकार गिर गई. सियासी हलकों में इसकी चर्चा थी कि अब बीजेपी के निशाने पर झारखंड की सरकार है. इन सब खबरों से बीजेपी खेमे में खुशी की लहर थी. इसी बीच बिहार के पॉलिटिकल डेवलपेंट ने बीजेपी के चेहरे पर मायूसी ला दी है.
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2014 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद कई राज्यों में तख्तापलट देखने को मिला है. कर्नाटक, मध्य प्रदेश में बीजेपी ने विपक्षी सरकारों को उखाड़ फेंका. वहीं बिहार में नीतीश कुमार आरजेडी और कांग्रेस की मदद से फिर से मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हैं.
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ध्यान रहे कि मंगलवार को नीतीश कुमार ने गवर्नर फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद महागठबंधन के सहयोग से सरकार बनाने का दावा पेश किया. यही नहीं उन्होंने केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार से भी अपना समर्थन वापल ले लिया.
बताया जा रहा है कि बिहार में सभी सहयोगी दलों के बीच सरकार गठन पर एक व्यापक सहमति बन गई है. सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार मुख्यमंत्री, तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा. वहीं विधानसभा में स्पीकर राष्ट्रीय जनता दल का होगा.
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