'चीतों के लिए चीतल' पर सियासत शुरू, BJP के कुलदीप बिश्नोई ने भी किया विरोध

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 19, 2022, 04:39 PM IST

कुलदीप बिश्नोई

चीतों के भोजन के लिए हिरण और चीतल भेजे जाने का लगातार विरोध हो रहा है. अब कुलदीप बिश्नोई ने भी अपना विरोध जताया है...

डीएनए हिन्दी: मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा पर बसे कूनो नेशनल पार्क में अफ्रीका से आए चीतों के लिए बड़ी संख्या में हिरण, चीतल भेजे जाने की खबरों के आने के बाद विवाद शुरू हो गया है. अब बीजेपी सरकार के इस फैसले के खिलाफ हरियाणा बीजेपी के कद्दावर नेता कुलदीप बिश्नोई ने भी ऐतराज जताया है.

हाल ही बीजेपी में शामिल हुए कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि यह फैसला बिश्नोई समाज की भावनाएं आहत करने वाली हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से इस पर तुरंत रोक लगाने की मांग की.

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई ने ट्वीट कर लिखा, 'चीतों के भोजन हेतु चीतल व हिरण भेजने की सूचनाएं आ रही हैं, जो अति निंदनीय है. मेरा केन्द्र सरकार से अनुरोध है कि राजस्थान में विलुप्त होने की कगार पर पहुंचे हिरणों की प्रजाति और बिश्नोई समाज की भावनाओं को देखते हुए इस मामले की जांच करवाई जाए और अगर ऐसा है तो तुरंत इस पर रोक लगाई जाए.'

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ध्यान रहे कि हिरण बिश्नोई समाज के लिए धार्मिक आस्था का विषय है. खास कर काले हिरण को लेकर. सिर्फ कुलदीप बिश्नोई ने ही नहीं, बल्कि राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश के कई बिश्नोई समाज से जुड़े संगठनों ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. इन संगठनों का कहना है कि सरकार चीतों के भोजन के लिए इसके इतर कोई व्यवस्था करे.

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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर 17 सितंबर को श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में 8 चीते छोड़े गए थे. इन चीतों को नामीबिया सा लाया गया है. इस नेशनल पार्क में चीतों के भोजन के लिए राजगढ़ के नरसिंहगढ़ चिड़ीखो से कई सौ हिरण भेजे गए हैं.

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