डीएनए हिंदीः भ्रष्टाचार के मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने बड़ी कार्रवाई की है. रिश्वत लेने के आरोपी डिप्टी एसपी को निरीक्षक बना दिया है. आरोपी डिप्टी एसपी का नाम विद्या किशोर शर्मा बताया जा रहा है. 2021 में यह रामपुर में तैनात थे. रिश्वत के मामले में प्रशासनिक आधार पर तबादला इनका तबादला कर दिया गया. वर्तमान में यह जालौन पीएसी में तैनात है. जांच में इन्हें दोषी पाया गया जिसके बाद सीएम योगी ने बड़ा एक्शन लिया है.
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई?
सीएम योगी ने रिश्वत लेने वाले एक अफसर को निरीक्षक बनाने का निर्देश दिया है. रामपुर पोस्टिंग के दौरान पर इस पर रिश्वत लेने का आरोप लगा था. गृह विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक रामपुर सदर के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी विद्या किशोर शर्मा को रिश्वत लेने के आरोप में उनके मूल पद पर वापस कर दिया गया है. राम किशोर शर्मा को यूपी पुलिस में निरीक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था. पदोन्नति मिलने के बाद उन्हें डिप्टी एसपी के पद पर तैनात किया गया था.
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क्या है मामला?
विद्या किशोर शर्मा जब रामपुर में तैनात थे तो 2021 में उन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे. एक महिला ने आरोप लगाया कि स्वामी विवेकानंद अस्पताल के संचालक विनोद यादव और तत्कालीन इंस्पेक्टर रामवीर यादव ने उसके साथ गैंगरेप किया. महिला का आरोप था कि पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है. इसी दौरान आरोपी डिप्टी एसपी का 5 लाख रुपये घूस लेने का वीडियो सामने आया. वीडियो सामने आने के बाद आरोपी इंस्पेक्टर और अस्पताल संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. वहीं डिप्टी एसपी को निलंबित कर दिया गया. मामला सीएम योगी आदित्यनाथ तक भी पहुंचा. इस मामले की जांच एएसपी मुरादाबाद ने की जिसमें विद्या किशोर शर्मा को रिश्वत लेने का दोषी पाया गया.
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