दिल्ली-NCR में हवा हुई और जहरीली, क्या कर रही है सरकार?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 29, 2022, 11:18 PM IST

दिल्ली में लगातार खराब हो रही है वायु की गुणवत्ता. (तस्वीर-PTI)

दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लगातार हवा की गुणवत्ता गिरती जा रही है. सरकार ने कुछ कड़े फैसले लिए हैं.

डीएनए हिंदी: प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बीच केंद्र सरकार की वायु गणवत्ता समिति ने शनिवार को दिल्ली-NCR की अथॉरिटीज को निर्देश दिया कि वे जरूरी परियोजनाओं को छोड़कर ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण तीन के तहत निर्माण, तोड़ फोड़ समेत अन्य गतिविधियों पर पाबंदियों को तुरंत लागू करें. 

प्रदूषण रोकथाम के उपायों के बीच आम आदमी पार्टी (AAP) के नेतृत्व वाली सरकार और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच ट्रैफिक सिग्नल पर इंजन बंद करने के लिए यात्रियों को प्रोत्साहित करने के प्रस्तावित अभियान पर विवाद हो गया. 

क्या है GRAP, कैसे दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण पर लगेगी लगाम, क्या हैं तैयारियां? जानिए सबकुछ

दिल्ली में और जहरीली होगी हवा

दिल्ली-NCR में धुंध की परत छाने और प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के बीच एयर क्वालिटी इंडेक्स ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने की कगार पर है. दिल्ली में 24 घंटों का औसत AQI शाम 4 बजे 397 था जो जनवरी के बाद से सबसे खराब स्तर है. इसके पहले दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक सोमवार को 312, मंगलवार को 302, बुधवार को 271 और बृहस्पतिवार को 354 था. 

CAQM की बैठक में क्या लिया गया है फैसला?

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की शनिवार शाम को आयोजित आपात बैठक में कहा गया कि प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों और पराली जलाने की घटनाओं में अचानक बढ़ोतरी के कारण दिल्ली-एनसीआर में जीआरएपी के चरण तीन पर तुरंत अमल को जरूरी माना गया है. 

राजधानी और इसके आसपास के इलाके में हालात की गंभीरता के मद्देनजर जीआरएपी में वायु प्रदूषण निरोधक कदमों की सूची है. दिल्ली-दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) को चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है. 

Uttarkashi Avalanche: हिमस्खलन की क्यों होती है घटना, क्या-क्या होती है वजहें?

शून्य से 50 के बीच AQI को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ माना जाता है. 

किन-किन क्षेत्रों में लगाई जाएगी पाबंदी?

चरण तीन के तहत पाबंदियों में निर्माण, तोड़फोड़ और खनन समेत अन्य गतिविधियों पर रोक लगेगी, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा, रेलवे और मेट्रो समेत अन्य आवश्यक परियोजनाओं को इससे छूट होगी. हालांकि, इससे नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और अन्य क्षेत्रों में आवास परियोजनाओं के प्रभावित होने की संभावना है. 

क्षेत्र में खनन गतिविधियों की अनुमति नहीं होगी. अगले चरण गंभीर प्लस श्रेणी या चरण-चार में दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध, सरकारी, निगम और निजी कार्यालयों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देना, शैक्षणिक संस्थानों को बंद करना तथा सम-विषम व्यवस्था के आधार पर वाहनों का परिचालन जैसे कदम शामिल हो सकते हैं.

उपराज्यपाल-दिल्ली सरकार में फिर ठनी

शनिवार को, उपराज्यपाल सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान पर पुनर्विचार करने के लिए कहा और इस तरह के अस्थाई उपाय के असर पर सवाल उठाते हुए फाइल वापस भेज दी. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान पर उपराज्यपाल द्वारा उठाए गए सभी सवालों का जवाब देगी और उनकी मंजूरी के लिए फाइल फिर से जमा करेगी. 

CAQM ने कहा कि अधिकारी वायु गुणवत्ता के खराब होने के मद्देनजर एनसीआर में बीएस-तीन पेट्रोल और बीएस-चार डीजल वाले चार पहिया वाहनों पर रोक लगा सकते हैं. यह निर्देश प्राधिकारों के लिए बाध्यकारी नहीं है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ ने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी शनिवार को बढ़कर 21 प्रतिशत हो गई, जो इस साल अब तक का सबसे अधिक है. 

जमीन की खुदाई और बोरिंग पर भी लगेगी रोक!

सफर के संस्थापक परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने कहा कि रविवार को यह 40 प्रतिशत तक बढ़ सकती है. निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधि पर पाबंदी का मतलब होगा कि जमीन की खुदाई और बोरिंग नहीं होगी. इसी तरह वेल्डिंग, निर्माण सामग्री की लदान या इसे उतारने और राख समेत कच्चे माल के परिवहन आदि पर पाबंदी लगेगी. 

पुलिसकर्मियों के लिए एक देश एक यूनिफॉर्म की वकालत क्यों कर रहे हैं प्रधानमंत्री, क्या है देश में वर्दी का इतिहास?

स्वच्छ ऊर्जा से नहीं चलने वाले ईंट भट्ठों, पत्थर क्रशर, खनन और इससे जुड़ी गतिविधियों पर एनसीआर में पाबंदी लगा दी गई है. एनसीआर के प्राधिकारों को कहा गया है कि उन उद्योगों को बंद कराएं जो औद्योगिक क्षेत्र में पीएनजी का आधारभूत ढांचा और आपूर्ति होने के बावजूद स्वीकृत ईंधन से संचालित नहीं हो रहे हैं. 

इन प्लांट्स पर भी पड़ेगा बंदी का असर

CAQM के आदेश में कहा गया कि पेपर और लुगदी प्रसंस्करण, डिस्टिलरी और थर्मल बिजली संयंत्र शनिवार और रविवार को बंद रहेंगे, धान प्रसंस्करण की इकाइयां सोमवार और मंगलवार को बंद रहेंगी, डाईंग प्रक्रिया समेत कपड़े का काम बुधवार और बृहस्पतिवार को बंद रहेगा. इसी उक्त श्रेणी में नहीं आने वाले अन्य उद्योग भी शुक्रवार और शनिवार को बंद रहेंगे. लेकिन दुग्ध और डेयरी इकाइयों समेत जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरणों और दवाइयों के निर्माण में शामिल उद्योगों को छूट दी गई है.  (इनपुट: भाषा)
 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.