जहांगीरपुरी हिंसा: 25,000 के इनामी सांवर मलिक को पुलिस ने धर दबोचा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 03, 2022, 12:48 PM IST

जहांगीरपुरी हिंसा (फाइल फोटो)

दिल्ली के जहांगीरपुरी दंगे के एक और मुख्य आरोपी को पुलिस ने धर दबोचा है. आरोपी पर 25 हजार रुपये का इनाम भी था. इसकी पहचान सांवर मलिक के रूप में हुई है. जिस वक्त पुलिस इसे गिरफ्तार करने गई स्थानीय लोगों ने गिरफ्तारी का विरोध किया और पुलिस पर पथराव भी किया...

डीएनए हिन्दी: राजधानी दिल्ली (Delhi) के जहांगीरपुरी दंगे (Jahangirpuri Violence) के एक और मुख्य आरोपी को पुलिस ने धर दबोचा है. बुधवार को दिल्ली पुलिस की एक सीनियर अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. आरोपी की पहचान 29 साल के सांवर मलिक के रूप में हुई है. इसे अकबर और कालिया के रूप में भी लोग जानते हैं. ध्यान रहे कि जहांगीरपुरी दंगे के बाद यह फरार हो गया था. इसे कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया था. सांवर मलिक पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था.

ध्यान रहे कि 16 अप्रैल को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान हिंसा हुई थी. इस हिंसा में 8 पुलिस वाले समेत 9 लोग घायल हो गए थे.

सांवर मलिक की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने इस मामले में अब तक 35 लोगों को गिरफ्तार किया है. दंगे के आरोप में 3 नाबालिगों की भी गिरफ्तारी हुई है.

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दिल्ली क्राइम ब्रांच के डीसीपी विचित्रवीर सिंह ने कहा कि दिल्ली पुलिस के दो हेड कॉन्स्टेबल जहांगीरपुरी में एक मुखबीर से मिले थे. उन्होंने ने ही बताया कि सांवर मलिक जहांगीरपुरी के सी ब्लॉक में मौजूद है. उन्होंने यह भी बताया कि वह जल्द ही पश्चिम बंगाल भागने की फिराक में है. ध्यान रहे कि वह मूल रूप से पश्चिम बंगाल का ही रहने वाला है. 

सूचना की पुष्टि होने के बाद दिल्ली पुलिस ने सांवर मलिक की गिरफ्तारी के लिए 4 टामें बनाईं. लेकिन, मौका मिलते ही वह सी ब्लॉक से सीडी ब्लॉक झुग्गी में भाग गया. 

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पुलिस ने सीडी ब्लॉक में उसका पीछा किया और उसे पकड़ने की कोशिश की. लेकिन, वहां मौजूद लोगों ने इसका विरोध किया और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. इस पथराव में दिल्ली पुलिस का एक हेड कॉन्स्टेबल भी घायल हो गया. हालांकि, घायल होने के बावजूद उस पुलिस वाले ने सांवर मलिक को धर दबोचा.

पुलिस ने सांवर मलिक की गिरफ्तारी का विरोध करने वालों के खिलाफ की कई धाराओं में मामला दर्ज किया है. डीसीपी सिंह ने कहा कि हनुमान जयंती जुलूस के दिन आरोपी सांवर मलिक ने अन्य लोगों को उकसाया और पुलिस कर्मियों पर पथराव किया. साथ ही इसने पुलिस पर कांच की बोतलें फेंकी. दंगा के बाद वह गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हो गया था.

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