Supertech Twin Tower को गिराने की तैयारी पूरी, कंपन न हो इसके लिए खास व्यवस्था 

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 27, 2022, 04:39 PM IST

सुपरटेक ट्विन टावर

नोएडा के सेक्टर 93A स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के ट्विन टावर को गिराने की अंतिम तैयारी पूरी कर ली गई है. 19 जुलाई की बैठक में इस पर आखिरी फैसला लिया जाएगा. माना जा रहा है कि 21 अगस्त को इसे जमींदोज कर दिया जाएगा...

डीएनए हिन्दी: नोएडा के सेक्टर 93A स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के ट्विन टावर (Supertech Twin Tower) को गिराने के लिए अंतिम ब्लास्ट की रूपरेखा तैयार कर ली गई है. सूत्रों के मुताबिक 19 जुलाई को आयोजित बैठक में प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा. इस बैठक में नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) के अधिकारी, बिल्डर, सीबीआरआई, जेट डिमोलिशन, पुलिस समेत करीब 20 एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. हालांकि, स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट 7 जुलाई तक सुपरटेक बिल्डर और एडिफिस इंजीनियरिंग मैनेजमेंट को नोएडा प्राधिकरण को देना था जो कि अभी तक नहीं दिया गया है. माना जा रहा है कि 21 अगस्‍त को ब्लास्ट करके इसे गिराया जाएगा. इस दौरान इमारत गिरने के कारण होने वाले कंपन को कम करने के लिए कुशन का सहारा लिया जाएगा.

गौरतलब है कि सुपरटेक (Supertech) ने अपने एमराल्ड कोर्ट (Supertech Emerald Court) प्रोजेक्ट में 2 टावर बिना नक्शा के बना दिए थे. इसके खिलाफ प्रोजेक्ट के कई बायर्स कोर्ट गए. कोर्ट ने दोनों टावर (T1, T2) अवैध करार देते हुए गिराने का आदेश दिया था. इस मामले में 31 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट में आखरी फैसला आया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये दोनों टावर नियमों को ताक पर रखकर बनाए गए हैं. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एक और आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि इसके जो भी बायर हैं उन्होंने बिल्डर 2 महीने के भीरत रिफंड करे. साथ ही उन्हें 12 फीसदी की दर से ब्याज के भुगतान का भी आदेश दिया था.

यह भी पढ़ें, सुपरटेक को करना होगा ट्विन टावर के पास की 7 बिल्डिंग का ऑडिट, करनी होगी नुकसान की भरपाई

हालांकि, बिल्डर ने आदेश के 2 महीने भीतर पैसा नहीं चुकाया. मामला फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. कोर्ट में एडवाइजर्स की तरफ से रिफंड फॉर्म्यूला पेश किया गया. इस मामले की सुनवाई जस्टिस चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली टीम ने की थी. जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच ने इस फॉर्म्यूले को स्वीकार किया और 12 फीसदी ब्याज की दर से भुगतान का आदेश दिया.

यह भी पढ़ें, अतिक्रमण कर बनाए गए 62 फार्म हाउस पर चला बुलडोजर, बड़े-बड़ों के छूट रहे पसीने

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सख्त चेतावनी भी दी थी. 12 जनवरी को हुए सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के वकील से साफ-साफ कहा था कि कोर्ट के आदेश से खिलवाड़ किया जा रहा है. अगर ऐसा जारी रहा तो हम डायरेक्टर्स को जेल भेज देंगे.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.