Supertech Twin Towers: 4,000 किलो विस्फोटक के जरिए 10 सेकेंड में गिरेगी सुपरटेक ट्विन टावर की दोनों बिल्डिंग

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 27, 2022, 04:37 PM IST

सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट ट्विन टॉवर

Supertech Twin Towers Demolition: नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने के लिए 4,000 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डिंग ढहाने के लिए 21 अगस्त की तारीख तय की है. बिल्डिंग गिराने की पूरी प्रक्रिया को 28 अगस्त तक पूरा करना है. बिल्डिंग गिराने के लिए एक बार डमी परीक्षण हो चुका है.

डीएनए हिंदी: नोएडा के सेक्टर 93-ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट में बने ट्विन टावर को गिराने के लिए करीब 4000 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया जाएगा. बिल्डिंग गिराने के लिए सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. पिछले सप्ताह नोएडा अथॉरिटी ने इसके लिए मीटिंग भी की है और गिराने से पहले की तैयारियों और स्ट्रक्चर ऑडिट रिपोर्ट पर चर्चा की है. सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को आदेश दिया था और बिल्डिंग गिराने के लिए 21 अगस्त की तारीख तय की थी. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि 28 अगस्त तक इसे पूरा कर लिया जाना है. मुंबई की एडिफाइस इंजीनियरिंग फर्म को बिल्डिंग गिराने का काम सौंपा गया है. 

Supreme Court ने दिया है आदेश 
सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट में  एपेक्स और सियान टावर को गिराने का आदेश पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने 30 अगस्त को दिया था. दोनों बिल्डिंग के बीच में निश्चित दूरी का ख्याल नहीं रखने की वजह से कोर्ट ने इस कार्रवाई का आदेश दिया है. कोर्ट ने मई 2022 में ही बिल्डिंग को गिराने का आदेश दिया था. हालांकि, कंपनी की ओर से तैयारियों के लिए वक्त की मांग की गई थी और इसे बढ़ाकर 22 अगस्त से 28 अगस्त की तारीख तय की गई है. 

जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि बिल्डर ने सभी जरूरी नियमों का पालन नहीं किया है और यह सुरक्षा के लिहाज से बड़ा खतरा है. इसके बाद कोर्ट ने बिल्डिंग गिराने का आदेश जारी किया था. 

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विस्फोटक लगाने के लिए बनाए गए 10,000 से ज्यादा छेद 
रिपोर्ट्स के मुताबिक बिल्डिंग गिराने के लिए बेसमेंट से लेकर टॉप फ्लोर तक में करीब 10,000 से ज्यादा छेद लगाए गए हैं. इन सभी छेद में विस्फोटक भरा जाएगा. फाइनल प्रक्रिया से पहले कई चरणों में तैयारी की जा रही है. इससे पहले कंपनी ने आसपास के मकानों का भी ऑडिट किया है ताकि किसी तरह के नुकसान का अनुमान लगाया जा सके. आसपास के टावरों में बने घरों को होने वाले नुकसान का मुआवजा देने का आदेश भी कोर्ट ने बिल्डर को दिया है. 

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एडिफाइस इंजीनियरिंग के पार्टनर उत्कर्ष मेहता ने बताया, 'बिल्डिंग में बनाए गए छेद में विस्फोटक भरे जाएंगे और पूरी इमारत को ढहाने में 10 सेकेंड में पूरी इमारत भरभराकर गिर जाएगी. बिल्डिंग गिरने के दौरान आसमान में धूल का बड़ा गुबार उठेगा जिसकी ऊंचाई 60 मंजिला इमारत जितनी हो सकती है.' मलबे को जमा करने के लिए तार बिछाया गया है और जालियां लगाने का काम अगस्त में पूरा किया जाएगा.

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