असम के इस मदरसे में चल रही थी 'आतंक की पाठशाला', गुस्साए लोगों ने ढहा दिया

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 06, 2022, 07:03 PM IST

इसी मदरसे ढहा दिया गया है

असम में चौथे मदरसे को ढहा दिया गया है. इस बार प्रशासन की जगह पब्लिक ने यह काम किया है. आरोप है कि इस मदरसे का आतंकी कनेक्शन था...

डीएनए हिन्दी: कट्टरपंथी गतिविधियों और आतंकी कनेक्शन की वजह से सरकार ने असम में अब तक 3 मदरसों को जमींदोज कर दिया है. अब स्थानीय लोगों ने एक मदरसे (Madrasa) को ढहा दिया है. लोगों का आरोप है कि इस मदरसे में जिहादी गतिविधियां चलती थीं. मदरसे में रहने वालों के आतंकवादियों से कनेक्शन भी थे. यह घटना असम के गोवालपारा जिले की है. इसकी जानकारी पुलिस ने दी है.

पुलिस ने बताया कि गोवालपारा जिले के मटिया थाना क्षेत्र के पखिउरा 4 में स्थित मदरसे और उससे सटे मकान में 2 बांग्लादेशी रहते थे. ये दोनों जिहादी गतिविधियों के लिए इसका इस्तेमाल करते थे. पुलिस का कहना है कि फिलहाल दोनों फरार हैं.

मदरसे के मौलवी जलालुद्दीन शेख की गिरफ्तारी के बाद ही राष्ट्र विरोधी गतिविधि के लिए मदरसा के इस्तेमाल के बारे में पता चला था. पुलिस के साथ पूछताछ में मौलवी जलालुद्दीन ने बताया कि उसने दोनों बांग्लादेशी नागरिकों को पखिउरा मदरसे में बतौर टीचर नियुक्त किया था.

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ध्यान रहे कि यह मदरसा असम में ढहा दिए जाने वाला चौथा मदरसा है. पुलिस ने बताया कि जैसे ही स्थानीय लोगों की इसकी जानकारी मिली की इस मदरसे में जिहादी गतिविधियां चल रही है वे आक्रोशित हो गए. उन लोगों ने इस मदरसे और उससे सटे मकान को ढहा दिया.

पुलिस का दावा है कि दोनों बांग्लादेशियों की पहचान हो गई है. पहले का नाम अमीनुल इस्लाम उर्फ उस्मान उर्फ मेहंदी हसन है. दूसरे का नाम जहांगिर आलम के रूप में हुई है. दोनों का संबंध अल-कायदा और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम से है. 

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इधर असम कांग्रेस के सांसदों और विधायकों ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को पत्र लिखकर .बोंगाईगांव मदरसा ढहाए जाने के मामले की जांच की मांग की है. उन्होंने मदरसे में पढ़ने वाले 224 स्टूडेंट्स के लिए न्याय की मांग की है.

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