डीएनए हिन्दी: बुधवार को दिल्ली में मेडिकल सर्विस के क्षेत्र में एक बड़ी घटना हुई. राजधानी के भीड़-भाड़ वाले इलाके में 9.2 किलोमीटर का एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. यह कॉरिडोर एम्स दिल्ली से ओखला में फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट तक बना था. सिर्फ 14 में एक लाइव हार्ट को यहां पहु्ंचाया गया. इस सफलता से जहां डॉक्टर्स खुश हैं वहीं दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने भी यह साबित कर दिया है कि वह मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में बेहतरीन ढंग से काम कर सकती है.
इस जिंदा हृदय का प्रत्यारोपन एक 19 साल के बच्चे में किया गया. यह हार्ट एक 55 साल की महिला का है.
इस ग्रीन कॉरिडोर को बनवाने की जिम्मेदारी डॉक्टरों की जिस टीम को थी उसको लीड कर रहे थे डॉ. जेडएस मेहरवाल, उनकी टीम में डॉक्टर विशाल रस्तोगी और डॉक्टर नवीन सर्राफ थे.
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इस टीम को नेशनल ऑर्गन टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (NOTTO) द्वारा यह जानकारी मिली की एम्स दिल्ली में एक ब्रेन डेड महिला द्वारा हार्ट डोनेट किया गया है.एम्स से यह हृदय शाम 5.48 बजे निकला और ठीक 14 मिनट बाद 6.02 मिनट पर यह फोर्टिस पहुंच गया.
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जिस बच्चे में हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया उसका इलाज डॉक्टर मेहरवाल की देख-रेख में चल रहा था. मरीज को पिछले डेड़ साल से हार्ट की समस्या थी. वर्तमान में उसकी हालत बेहद नाजुक थी. ऐसे में अगर जल्द से जल्द हार्ट ट्रांसप्लांट न किया जाता तो उसकी जान जा सकती थी. एम्स से हार्ट मिलने के बाद उसमें सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया गया.
इस ग्रान कॉरिडोर को बनाने में अगर सबसे ज्यादा किसी ने सहयोग किया तो वह दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने. शाम के समय हेवी ट्रैफिक वाले इलाके में ग्रीन कॉरिडोर बनाना कोई सामान्य कार्य नहीं था.
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