डीएनए हिंदी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर केस पर मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने सात नंबर की याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा है कि यह याचिका सुनवाई योग्य है. फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया है. हिंदू पक्ष ने कहा है कि कोर्ट का फैसला हमारे हक में है, यह हमारी जीत है.
याचिका में हिंदू पक्ष ने गुहार लगाई थी कि तत्काल प्रभाव से स्वयंभू ज्योतिर्लिंग की पूजा शुरू कराई जाए और परिसर हिंदुओं को सौंप दिया जाए जाए. सिविल जज सीनियर डिविजन (फास्ट ट्रैक कोर्ट) महेंद्र कुमार पांडेय की कोर्ट ने कहा है कि यह याचिका सुनवाई योग्य है.
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किस याचिका पर कोर्ट ने की है सुनवाई?
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को लेकर भगवान आदि विशेश्वर विराजमान केस में विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन की पत्नी किरन सिंह 'बिसेन' ने याचिका दायर की थी. उनकी ओर से दायर याचिका पर बहस पूरी हो चुकी है. ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत केस के मेंटिनेंस को लेकर अब कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है.
क्या है हिंदू पक्ष की प्रमुख मांगें?
1. स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की पूजा शुरू करने की अनुमति.
2. पूरे ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को सौंपा जाए.
3. ज्ञानवापी परिसर के अंदर मुसलमानों का प्रवेश प्रतिबंध किया जाए.
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कब होगी केस की अगली सुनवाई?
कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 2 दिसंबर तय की है. मुस्लिम पक्ष याचिका पर आए फैसले को लेकर असंतुष्ट है. मुस्लिम पक्ष चाह रहा था कि याचिका पूरी तरह से खारिज कर दी जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग की सुरक्षा का दिया था आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा था कि शिवलिंग जैसी संरचना के आसपास की जगह को सुरक्षित रखा जाए. सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने आदेश को आगे बढ़ा दिया है. सुप्रीम कोर्ट 17 मई को दिए आदेश में शिवलिंग के आसपास की जगह संरक्षित रखने का आदेश दिया था. एक के बाद एक मुस्लिम पक्ष को कोर्ट की सुनवाई के दौरान झटके लग रहे हैं.
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