डीएनए हिंदीः ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi Masjid) को लेकर वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट गुरुवार यानी आज फैसला सुना सकती है. हिंदू पक्ष की याचिका में मांग है कि तत्काल प्रभाव से स्वयंभू ज्योतिर्लिंग की पूजा शुरू कराई जाए और परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए. सिविल जज सीनियर डिविजन (फास्ट ट्रैक कोर्ट) महेंद्र कुमार पांडेय की कोर्ट में फैसला सुनाया जाना है. इसके अलावा मामले से जुड़ी अन्य याचिकाओं पर फैसला सुनाया जाना है जिसमें केस की पोषणीयता से जुड़ा मामला भी शामिल है.
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को लेकर भगवान आदि विशेश्वर विराजमान केस में विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन की पत्नी किरन सिंह 'बिसेन' की ओर से दायर याचिका पर आज सुनवाई होनी है. ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत केस की पोषणीयता को लेकर दोनों पक्षों की बहस पूरी हो चुकी है. कोर्ट को आज तय करना है कि मामला सुनने लायक है या नहीं.
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याचिका में क्या मांग
इस याचिका में तीन प्रमुख मांगे हैं, जिसमें पहला है, स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की पूजा शुरू करने की अनुमति. दूसरी मांग है कि पूरे ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को सौंपा जाए. वही तीसरी मांग की गई है कि ज्ञानवापी परिसर के अंदर मुसलमानों का प्रवेश प्रतिबंध किया जाए. फिलहाल मुस्लिम पक्ष को वर्तमान में वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में नमाज अदा करने की अनुमति है.
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कोर्ट ने शिवलिंग की जांच से किया इनकार
बता दें कि ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान मिले 'शिवलिंग' की वैज्ञानिक जांच कराने से कोर्ट ने इनकार कर दिया था. कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया. मुस्लिम पक्ष की ओर से इसे फव्वारा बताया गया था. जिला कोर्ट के फैसले के बाद हिंदू पक्ष इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है.
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