डीएनए हिंदीः ज्ञानवापी केस (Gyanvapi Masjid) में वाराणसी कोर्ट से झटका लगने के बाद मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट पहुंचा है. उसकी ओर से निचली अदालत के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है. ज्ञानवापी मस्जिद में 17 नवंबर को वाराणसी कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका को पोषणीय माना था. मुस्लिम पक्ष की तरफ से जोर देकर कहा गया था कि ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई नहीं होनी चाहिए, लेकिन कोर्ट ने साफ कर दिया है कि इस याचिका पर सुनवाई संभव है. इसी वजह से मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज किया गया है. सिविल जज सीनियर डिविजन महेंद्र कुमार पांडे के फैसले से खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की है. आज हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है.
याचिका में क्या की गई मांग?
याचिका में हिंदू पक्ष द्वारा चार प्रमुख मांगे रखी गई थीं. उन मांगों में तत्काल प्रभाव से भगवान आदि विश्वेश्वर शंभू विराजमान की नियमित पूजा प्रारंभ करना, संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर में मुसलमानों का प्रवेश प्रतिबंधित करना, संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को देना, मंदिर के ऊपर बने विवादित ढांचे को हटाना शामिल है. सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की तरफ से कहा गया था कि जिला जज की अदालत में श्रृंगार गौरी मामला नियमित सिर्फ पूजा को लेकर था, जबकि इस केस में ज्ञानवापी मस्जिद के टाइटल को लेकर है. इसलिए उन्हें पूरी उम्मीद थी कि यह मुकदमा कोर्ट खारिज कर देगा. लेकिन अभी के लिए कोर्ट इस मामले में आगे भी सुनवाई करने जा रहा है.
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2 दिसंबर से होगी सुनवाई
निचली अदालत के फैसले के बाद हिंदू पक्ष की याचिका पर अब 2 दिसंबर से मामले की सुनवाई होगी. इसमें कोर्ट को हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल पूजा के अधिकार की मांग को लेकर फैसला लेना है. उधर सुप्रीम कोर्ट में भी प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई की जा रही है. इस मामले में केंद्र सरकार को 12 नवंबर तक कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करना है.
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