डीएनए हिंदी: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब बदायूं की जामा मस्जिद को लेकर विवाद शुरू हो गया है. कुछ समय पहले ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग होने का दावा किया गया था. इस पर अभी कोर्ट में केस चल ही रहा है. अब नई याचिका दी गई है बदायूं के मौलवी टोला स्थित जामा मस्जिद की. इसमें नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा किया गया है. अखिल भारतीय हिंदू महासभा की तरफ से कहा जा रहा है कि यहां पहले नीलकंठ महादेव मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई है. जानते हैं क्या है ये पूरा मामला और इसमें क्या होगा आगे-
जामा मस्जिद में नीलकंठ मंदिर होने का दावा
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब बदायूं की जामा मस्जिद में नीलकंठ मंदिर होने का दावा करने के बाद सर्वे करवाने के लिए याचिका भी दायर की गई है. ये याचिका दायर की है अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रदेश संयोजक मुकेश पटेल ने. याचिकाकर्ता मुकेश पटेल का कहना है कि बदायूं की मौजूदा जामा मस्जिद परिसर हिंदू राजा महिपाल का किला था. 1175 में पाल वंशीय राजपूत राजा अजयपाल ने मंदिर की मरम्मत कराई थी. बाद में मुगल शासकों के समय नीलकंठ महादेव मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनवाई गई थी.
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15 सितंबर को होगी सुनवाई
मुकेश पटेल ने सिविल कोर्ट में इस मुद्दे को लेकर याचिका दायर की है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. कोर्ट ने मामले में जामा मस्जिद इंतजामिया समिति, सुन्नी वक्फ बोर्ड, पुरातत्व विभाग, केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, बदायूं जिला मजिस्ट्रेट और यूपी के प्रमुख सचिव को अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी.
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देश की सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक
बदायूं के मौलवी टोला इलाक़े में स्थित यह जामा मस्जिद देश की ना सिर्फ सबसे पुरानी बल्कि सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है. इस मस्जिद में एक समय में 23 हज़ार से अधिक लोग एकसाथ जमा हो सकते हैं.
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