डीएनए हिंदीः ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले (Gyanvapi Case) में हिन्दू पक्ष द्वारा ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण कराने के मांग पर वाराणसी कोर्ट आज फैसला सुना सकता है. पिछली सुनवाई में इस पर फैसला टल गया गया. हिंदू पक्ष की ओर से राखी सिंह समेत पांच महिलाओं की ओर से जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन समेत अन्य मांगों को लेकर याचिका दाखिल की गई है.
हिंदू पक्ष ने की ये मांग
पिछली सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष की ओर से कोर्ट को बताया गया कि ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग को लेकर मंदिर पक्ष ने स्पष्ट किया कि उन्होंने शिवलिंग की नहीं, बल्कि उसके आसपास के क्षेत्र में कार्बन डेटिंग की मांग की है. बता दें कि कोर्ट में मंदिर पक्ष की वादी मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी, रेखा पाठक, सीता साहू (वादी संख्या दो से पांच) के वकील हरिशंकर जैन व विष्णु शंकर जैन ने अदालत को बताया कि उन्होंने कार्बन डेटिंग की मांग शिवलिंग के लिए नहीं, बल्कि आसपास के क्षेत्र के लिए की है. उन्होंने मांग की है कि शिवलिंग के आयु के निर्धारण के लिए ऐसी वैज्ञानिक तकनीक को अपनाया जाए जिससे उसे किसी भी तरह से नुकसान ना पहुंचे.
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मुस्लिम पक्ष ने जताई आपत्ति
शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग को लेकर मुस्लिम पक्ष की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई है. आपत्ति में कहा गया था कि वजूखाने में जो आकृति पायी गई है उसे उच्चतम न्यायालय ने वाराणसी जिला मजिस्ट्रेट से सुरक्षित रखने को कहा है और उस पर फैसला आना अभी बाकी है. ऐसी स्थिति में उस आकृति के बारे में वैज्ञानिक विधि अथवा किसी अन्य विधि से जांच कराए जाने का कोई औचित्य नहीं है. मस्जिद में जो आकृति पाई गई उसका इस मुकदमे से कोई ताल्लुक नहीं है.
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