डीएनए हिंदी: ज्ञानवापी मस्जिद केस (Gyanvapi mosque Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कथित 'शिवलिंग' (Varanasi) की सुरक्षा बढ़ा दी है. हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भीतर शिवलिंग मौजूद है. सर्वे के दौरान शिवलिंग की तस्वीर सामने आई थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने कथित शिवलिंग की सुरक्षा को और बढ़ा दिया है.
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस सूर्य कांत और पीएस नरसिंहा की बेंच ने हिंदू पक्ष को इजाजत दी है कि वे वाराणसी जिला कोर्ट के पास सभी मामलों के एकीकरण के लिए याचिका दायर कर सकते हैं.
Gyanvapi Case: जिला अदालत के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगा हिंदू पक्ष, कार्बन डेटिंग की करेगा मांग
सु्प्रीम कोर्ट ने कहा है कि हिंदू पक्ष अपना जवाब 3 सप्ताह के भीतर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद के मैनेजमेंट की याचिका पर दाखिल कर दे. यह मामला हाई कोर्ट के आदेश के बाद सर्वे कमिश्नर की नियुक्ति से जुड़ा हुआ है.
17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश जारी करते हुए जिला मजिस्ट्रेट को निर्देशित किया था कि ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी जाए. इसी एरिया में सर्वे के दौरान शिवलिंग नजर आया था.
20 मई को सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष की ओर से फाइल सिविल सूट को वाराणसी से सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के पास भी भेज दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह बेहतर होगा कि एक 25 से 30 साल के अनुभव वाले न्यायिक अधिकारी की निगरानी में इस संवेदनशील मुद्दे की सुनवाई हो.
17 मई को जारी अंतरिम आदेश में कोर्ट ने कहा था कि यह आदेश तब तक जारी रहेगा, जब तक कि जिला जज इस पर अंतिम फैसला नहीं सुना देते हैं. अंतिम फैसले के बाद पीड़ित पक्ष के पास यह अधिकार होगा कि अगले 8 सप्ताह में हाई कोर्ट का रुख कर सके. तब तक शिवलिंग की सुरक्षा बरती जाएगी और मस्जिद में नमाज पढ़ने की प्रथा जारी रहेगी.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.