डीएनए हिंदी: वाराणसी की अदालत (Vranasi Court) ने ज्ञानवापी विवाद पर अहम फैसला सुनाया है. वाराणसी की जिला अदालत ने सोमवार को ज्ञानवापी शृंगार गौरी मामले की वैधानिकता पर सवाल उठाने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी और कहा कि वह पूजा के अधिकार की मांग वाली याचिका पर सुनवाई जारी रखेगी.
मुस्लिम पक्ष ने अदालत के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने की घोषणा की है. हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया कि जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने मामले की वैधानिकता पर सवाल उठाने वाली याचिका को खारिज करते हुए सुनवाई जारी रखने का निर्णय किया है. वाराणसी कोर्ट के इस फैसले को हिंदू पक्ष बड़ी जीत मान रहा है. कैसे यह फैसला हिंदू पक्ष के हक में आया, आइए समझते हैं.
Gyanvapi Case: हिंदू पक्ष के हक में फैसला आने के बाद अब क्या होगा मुस्लिम पक्ष का अगला कदम?
क्यों कोर्ट के फैसले को हिंदू पक्ष बता रहा है जीत?
1. सु्प्रीम कोर्ट ने बीते 20 मई को ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हिंदू श्रद्धालुओं की याचिका को मामले की जटिलता के मद्देनजर वाराणसी के सिविल जज, सीनियर डिवीजन की अदालत से जिला जज, वाराणसी की अदालत में ट्रांसफर कर दिया था.
2. वाराणसी की जिला आदालत के आदेश पर मस्जिद परिसर की वीडियोग्राफी कराई गई थी. मस्जिद से जुड़ा एक संवेदनशील वीडियो लीक हो गया था. हिंदू याचिकाकर्ताओं ने एक गोपनीय जानकारी सार्वजनिककर दी जिसमें यह दिखाया गया कि मस्जिद परिसर के वुजूखाने में ही शिवलिंग है. परिसर में शिवलिंग जैसी एक संरचना देखी गई थी, जिस पर जमकर हंगामा हुआ. नमाज अदा करने से पहले यहीं मुस्लिम पक्षकार पैर धुलते थे.\
Gyanvapi Case: ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में हिंदू पक्ष के हक में फैसला, वाराणसी कोर्ट ने खारिज की मुस्लिम पक्ष की याचिका
3. ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण मस्जिद के अंदर इस वीडियोग्राफी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा दायर किया था. याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि फिल्मांकन की वजह से साल 1991 के पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन किया है. यह एक्ट 15 अगस्त, 1947 तक पूजा स्थलों की धार्मिक स्थिति को बरकरार रखने का पक्षधर है.
4. मस्जिद में कथित तौर पर शिवलिंग मिलने की वजह से हिंदू पक्ष अपनी दावेदारी को और मजबूत तरीके से पेश कर रहा है. मस्जिद की मूलभूत संरचना को भी वाराणसी मंदिर परिसर का हिस्सा बताया जा रहा है.
5. ज्ञानवापी विवाद पर पांच महिलाओं ने याचिका दायर कर हिंदू देवी-देवताओं की दैनिक पूजा की अनुमति मांगी थी, जिनके विग्रह ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं. इसका मिलना ही सुनवाई का मूल आधार बना.
ज्ञानवापी मस्जिद केस में कब-कब क्या हुआ?
कोर्ट का फैसला आने के बाद क्या बोले हिंदू पक्षकार?
ज्ञानवापी मामले के याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य ने कहा, 'यह हिंदू समुदाय की जीत है. अगली सुनवाई 22 सितंबर को है. यह ज्ञानवापी मंदिर की आधारशिला है. लोगों से यह अपील है कि शांति बनाए रखें.'
क्या होगा मुस्लिम पक्षकारों का अगला कदम?
मुस्लिम पक्ष के वकील मेराजुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि जिला अदालत के इस निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी.
हिंदू पक्षकारों ने मिठाइयां बांट मनाई खुशी
कोर्ट के फैसले के बाद कुछ लोग सड़कों पर आ गए और मिठाइयां बांटकर खुशियां मनाई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अच्छा होगा अगर इस मामले की सुनवाई 25-30 वर्ष का अनुभव रखने वाले किसी सीनियर जज से कराई जाए.
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, सूर्य कांत और पी एस नरसिम्हा की पीठ ने कहा था कि वह सिविल जज की योग्यता को कमतर नहीं आंक रही है, मगर इस मामले की पेचीदगी को देखते हुए यह बेहतर है कि कोई वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी इस मामले की सुनवाई करे.
फैसले के मद्देनजर लागू था काशी में धारा 144
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मामले को जिला न्यायाधीश ए के विश्वेश की अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया था. अदालत के निर्णय सुनाए जाने की संवेदनशीलता के मद्देनजर वाराणसी जिला प्रशासन ने धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी थी और सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए थे.
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