डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुई हिंसा के मामले में प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार एक्शन के मोड में है. हिंसा के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के क्रम में यूपी सरकार की ओर से 40 संदिग्धों का पोस्टर जारी किया था. पोस्टर जारी होने और यूपी पुलिस की कार्रवाई देखकर पत्थरबाजों और दंगाइयों में इस कदर खौफ फैल गया है कि वे थाने जाकर सरेंडर करने लगे हैं. अभी तक कुल 50 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
हिंसा की घटनाओं में शामिल सल्लू नाम के एक आरोपी ने कानपुर के कर्नलगंज थाने में जाकर सरेंडर कर दिया. सल्लू का बड़ा भाई और जीजा पहले से ही पुलिस की हिरासत में है. पुलिस का एक्शन देखते हुए सल्लू ने भी थाने जाकर सरेंडर कर दिया. सल्लू पर पत्थरबाजी करने का आरोप है. रिपोर्ट के मुताबिक, सीसीटीवी फुटेज में भी सल्लू को पत्थर फेंकते देखा गया है.
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अब तक 50 लोग हुए गिरफ्तार
इससे पहले, 6 जून को यूपी पुलिस की ओर से 40 संदिग्धों का एक पोस्टर जारी किया गया था. कानपुर में हुई हिंसा के मामले में अभी तक 50 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पिछले 24 घंटों में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वीडियो के आधार पर पुलिस आरोपियों की पहचान कर रही है और लगातार उनकी धर-पकड़ हो रही है.
पुलिस के मुताबिक, कानपुर हिंसा के मामले में 500 से ज़्यादा लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया जा चुका है. यूपी पुलिस आरोपियों की एक और लिस्ट जारी करने वाली है. इसके अलावा, पुलिस ने एक नंबर 9454403715 जारी किया ताकि लोग उपद्रवियों के बारे में सूचना भी सकें. सोमवार को पुलिस ने इलाके में मार्च निकाला और शांति व्यवस्था सुनिश्चित की.
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कानपुर में क्यों हुई थी हिंसा?
आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था. इसी को लेकर कई जगह पर प्रदर्शन हुए थे. कानपुर में भी ऐसे ही प्रदर्शनों के बाद हिंसक घटनाएं हुईं और जमकर पत्थरबाजी की गई. पत्थरबाजी की घटना के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी और अब तक सैकड़ों आरोपियों की पहचान भी की जा चुकी है.
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