डीएन हिन्दी: विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'श्री महाकाल लोक' का लोकार्पण करेंगे. ऐसा देखा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी किसी ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने जाते हैं तो वहां जलाभिषेक जरूर करते हैं, लेकिन महाकाल मंदिर में वह ऐसा नहीं कर पाएंगे. कई लोग यह जानना चाह रहे थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे में जलाभिषेक का कार्यक्रम क्यों नहीं है. इसके पीछे के कारण को मंदिर के पुजारी आशीष ने विस्तार से बताया.
पुजारी ने बताया कि शाम 6 बजे के बाद महाकाल पर जल नहीं चढ़ता है. गोधूलि बेला में जब पूजा की जाती है तो सिर्फ 'कंकु अक्षत' चढ़ता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पूजा के दौरान सिर्फ 'कंकू अक्षत' चढाएंगे. पीएम आरती में भी शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी पीएमओ और सीएमओ को भेजी गई है.
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उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंभी नरेंद्र मोदी 4.30 बजे मंदिर में पहुंच जाते तो वह जलाभिषेक कर पाते. लेकिन, 4.30 बजे तक उनके मंदिर प्रांगण में पहुंचने की संभावना कम है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जब मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे तो उनके साथ 16 पुजारी और 21 पुरोहित और बटुक मंत्रोच्चार करेंगे. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मंदिर के गर्भगृह में 20 मिनट तक रहेंगे.
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ध्यान रहे कि उज्जैन में 'श्री महाकाल लोक' के पहले चरण के काम का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री शाम 5.30 बजे उज्जैन पहुंचेंगे. वह बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेंगे. उसके बाद वह श्रीनंदी द्वार से महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे. बाद में वह शिप्रा नदी जाएंगे और मां शिप्रा की पूजा करेंगे. अंत में प्रधानमंत्री एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे.
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