डीएनए हिन्दी: शिवसेना सुप्रीमो और पार्टी के बागी विधायकों के बीच की दूरियां लगतार बढ़ती जा रही हैं, लेकिन दोनों के बीच किसी न किसी रास्ते संवाद भी देखने को मिल रहा है. शिंदे कैंप के एक विधायक ने चिट्ठी लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की, वहीं गुवाहाटी में बैठे सभी बागी वीडियो जारी कर शिंदे के नेतृत्व में एकजुटता प्रदर्शित करते नजर आ रहे हैं.
शिवसेना कैंप की तरफ से संजय शिरसाट ने चिट्ठी लिखी है. मराठी में लिखे गए इस पत्र में सबसे बड़ा आरोप शिवसेना सुप्रीमो को पहुंच से दूर बताया गया है. पत्र में लिखा गया है कि विधान परिषद और राज्यसभा चुनावों की रणनीति से हमें दूर रखा गया. आप हम लोगों से कभी नहीं मिलते तक नहीं थे.
शिरसाट ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि मिलना तो दूर आप फोन तक नहीं उठाते थे. आपके इस रवैये से हम सभी परेशान थे. आपके यहां हमारी कभी सुनवाई नहीं हुई.
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पत्र में लिखा गया है कि आपसे मिलने के लिए हमें आपके करीबियों से संपर्क साधना पड़ता था. शिरसाट ने लिखा है कि आपने जब 'वर्षा' छोड़ा तो वहां काफी भीड़ दिखाई दी. अच्छा हुआ पहली बार आपका बंगला आम लोगों के लिए खोला गया. पिछले ढाई साल से इस बंगले के दरवाजे हम विधायकों के लिए भी बंद थे. विधायक होने के बावजूद हमें आपके करीबियों के आगे-पीछे घूमना पड़ता था. मुख्यमंत्री आवास का नाम 'वर्षा' है.
हाल ही में महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे उत्तर प्रदेश के अयोध्या पहुंचे थे. इस यात्रा का भी जिक्र चिट्ठी में है. पत्र में कहा गया है कि हमें भी रामलला के दर्शन करने थे, लेकिन ऐसा क्यों नहीं करने दिया गया. कई विधायकों को आपने (उद्धव ठाकरे) खुद फोन करके अयोध्या जाने से रोका.
पत्र में यह भी कहा गया है कि बुधवार को आपने इमोशनल भाषण दिया, लेकिन हमारे मुद्दों पर आप चुप रहे.
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