डीएनए हिन्दी: मेरठ में सोमवार को एक तरफ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा आए हुए थे तो दूसरी तरफ राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने सर्किट हाउस में ही पुलिसकर्मियों की क्लास लगा दी. हुआ यूं कि राज्यसभा सांसद वाजपेयी बिना काफिले के स्कूटी से सर्किट हाउस के अंदर दाखिल होने लगे. मनोज सिन्हा की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों ने उनकी स्कूटी रोक दी. फिर क्या था, लक्ष्मीकांत वाजपेयी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया.
वह इतने गुस्से में थे कि उन्होंने पुलिस वालों की क्लास लगा दी. उन्होंने कहा कि मैं कबड्डी खेलने का आदी हूं. मैं ट्रांस्फर नहीं करता किसी का. यहीं छाती पर पैर रखकर नाचता हूं. उन्होंने आगे कहा, हम न लेते हैं और न देते हैं. इन्हें यह नहीं पता फकीर किस दिन पलट गया जान बचानी भारी पड़ जाएगी.
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वह यहीं नहीं रुके, आगे उन्होंने कहा कि मैंने यहां बड़े-बड़े तीसमारखां देखे हैं. यह मेरठ है, रावण की ससुराल. अच्छे-अच्छे उलट कर चले गए यहां से. इसी बीच वह फोन पर बात करते दिखे और जैसे ही बात खत्म हुई वह फिर पुलिस वालों पर भड़क उठे. उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा, जो इन्हें (पुलिसवालों को) माल खिलाता है वही इनको पसंद आते हैं. हालांकि, बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने उनके गुस्से के शांत करवाया. बाद में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मिलने चले गए. लक्ष्मीकांत वाजपेयी का यह गुस्सा चर्चा का विषय बना हुआ है.
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ध्यान रहे कि मेरठ में बदलते भारत में निखरता कश्मीर विषय पर मेरठ में संगोष्ठी आयोजित की गई थी. इसी सेमीनार में भाग लेने के लिए मनोज सिन्हा मेरठ पहुंचे थे.
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