डीएनए हिंदी: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) ने अपना इस्तीफा दे दिया है. उनके इस्तीफे की जानकारी सुधाकर के पिता और बिहार प्रदेश आरजेडी अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने दी है. सुधाकर पिछले काफी वक्त से अपने विभाग में कामकाज को लेकर नाराज थे और उन्होंने नीतीश सरकार तक पर हमला बोल दिया था.
दरअसल, सुधाकर सिंह के पिता और प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने बताया है कि कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने रविवार को डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को इस्तीफा दिया है. आपको बता दें कि पिछले काफी वक्त से सुधाकर अपने बयानों को लेकर विवादों में थे और एपीएमसी एक्ट हटने से नाराज थे. वे इसे पुनः लागू करने की भी मांग कर रहे हैं.
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भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आलोचना
हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि उनके विभाग में चोर भरे पड़े हैं और वे चोरों के सरदार हैं. उन्होंने आरोप लगाए थे कि उनके अपने कृषि विभाग तक में बड़े भ्रष्टाचार हो रहे हैं. इसके अलावा आपको बता दें कि उन्होंने नीतीश कुमार के कृषि रोड मैप प्रोजेक्ट की भी आलोचना कर डाली थी.
क्या बोले जगदानंद सिंह?
वहीं इस मामले में जगदानंद सिंह ने कहा कि यह इस्तीफा इसलिए हुआ क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि पार्टी या सरकार में टकराव हो. उन्होंने कहा है कि मंडी कानून को खत्म करने के मुद्दे पर पूरे देश में आंदोलन हुए, किसानों की बात को केवल महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री ने समझा है.
जगदानंद सिंह ने दावा किया है कि किसानों की बातों को कोई नहीं समझता है लेकिन इन बातों को केवल बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने समझा है. उन्होंने इसीलिए अपना त्यागपत्र दे दिया है जिससे सरकार में किसी तरह का टकराव न हो.
बताई इस्तीफे की वजह
लगातार उनकी मुखरता से नीतीश कुमार सरकार की मुश्किलें बढ़ रही हैं जिसके चलते नीतीश सरकार पर विपक्ष भी आलोचना करने लगा है. ऐसे में सुधाकर ने इस्तीफा देते हुए यह भी कहा है कि किसी के लिए भी मुसीबत नहीं बनना चाहते हैं. हालांकि उनके फैसले पर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने सीधे तौर पर कुछ नहीं बोला है.
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इस मुद्दे पर था विरोध
सुधाकर सिंह ने कहा कि एपीएमसी एक्ट लागू होने और मंडिया खत्म होने से राज्य के किसानों को फसल के लिहाज से बड़े नुकसानों को सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि यह बीजेपी का एजेंडा है, इसलिए यह जब तक नहीं हटेगा तब तक वे राज्य की सरकार में मंत्री नहीं रहेंगे.
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