Bihar Politics: अगर नीतीश कुमार बना दें मुख्यमंत्री तो क्या प्रशांत किशोर करेंगे साथ काम? ख़ुद दिया जवाब

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 06, 2022, 01:25 AM IST

प्रशांत किशोर और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. (फाइल फोटो-PTI)

प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार के बीच जारी तल्खियां खत्म नहीं हो रही हैं. प्रशांत किशोर ने एक बार फिर दोहराया है कि वह नीतीश के साथ काम नहीं करेंगे.

डीएनए हिंदी: चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर पर कभी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतने मेहरबान थे कि उन्हें जनता दल यूनाइटेड (JDU) का उपाध्यक्ष बना दिया था. पार्टी के कई नेताओं को यह नागवार गुजरा था लेकिन नीतीश कुमार अपने फैसले पर अटल थे. जिस नीतीश का गुण गाते प्रशांत किशोर थकते नहीं थे, वही अब सबसे बड़े आलोचक हो गए हैं. तल्खियां ऐसी बढ़ीं हैं कि प्रशांत किशोर नीतीश कुमार पर लगातार हमला बोल रहे हैं. उन्होंने बुधवार को कहा कि चाहे नीतीश कुमार उन्हें उत्तराधिकारी बनाएं या उनके लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ दें, लेकिन वह जदयू सुप्रीमो के लिए काम नहीं करेंगे. 

प्रशांत किशोर ने मंगलवार को दावा किया था कि नीतीश कुमार ने उनसे अनुरोध किया था कि वे जेडीयू का नेतृत्व करें. उन्होंने नीतीश कुमार के इस अनुरोध को ठुकरा दिया था. ऐसे दावे प्रशांत किशोर कई बार कर चुके हैं. नीतीश कुमार की ओर से कोई इस विषय में कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.

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'...नीतीश ने कहा था आप हैं हमारे उत्तराधिकारी'

प्रशांत किशोर इन दिनों जन सुराज अभियान पर हैं. वह इस अभियान के तहत बिहार की 3500 किलोमीटर लंबी पदयात्रा कर रहे हैं. उनकी पदयात्रा पश्चिम चंपारण जिले के जमुनिया गांव में पहुंची तो उन्होंने लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा, '10-15 दिन पहले मीडिया में खबर आई थी. नीतीश जी अपने घर बुलाए थे और बोले, अरे भाई आप तो हमारे उत्तराधिकारी हैं, यह सब क्यों कर रहे हैं. आइए हमारे साथ, हमारे पार्टी के नेता बन जाइए.'

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'चाहे कुर्सी कर दें खाली, जनता से किया वादा नहीं तोड़ेंगे'

प्रशांत किशोर ने कहा, 'मैंने उनकी बात सुनी. बहुत लोगों ने हमें गाली लिखकर भेजी कि क्यों इनसे मिलने गए. नीतीश जी से मिलने इसलिए गए थे कि मिलकर उनको ये बता सकें कि कितना भी बड़ा प्रलोभन दीजिएगा, जनता से एक बार जो वादा कर दिए हैं उससे पीछे नहीं हटेंगे. पीछे नहीं हटने वाले हैं, उत्तराधिकारी बनाएं या कुर्सी खाली कीजिए, उससे कोई मतलब नहीं.'

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इस मुद्दे पर अलग हो गई थीं नीतीश-प्रशांत किशोर की राहें

प्रशांत किशोर को नीतीश कुमार ने 2018 में जदयू में शामिल किया था और कुछ ही हफ्तों में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया था. उन्होंने CAA-NRC विवाद को लेकर नीतीश कुमार की आलोचना की थी. इस पर जब तकरार बढ़ी तो नीतीश ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था. अब वह अपनी राजनीतिक पार्टी लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं.