डीएनए हिन्दी: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तीखी आलोचना की है जिसमें कहा गया था कि इतिहास को फिर से लिखने का समय आ गया है. नीतीश कुमार ने साफ लहजे में कहा है कि कोई भी देश के इतिहास को कैसे बदल सकता है.
गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा था, 'इतिहास लिखने वालों ने मुगल सम्राटों के कामों की व्याख्या की जो सही नहीं था. पांड्य, अहोम, पल्लव, मौर्य, गुप्त, सिसोदिया जैसे कई शासक थे, जिन्होंने 500 से अधिक सालों तक शासन किया और देश के लिए संघर्ष किया, लेकिन उन पर संदर्भ ग्रंथ नहीं लिखे गए.'
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अमित शाह के बयान का मजाक उड़ाते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि इतिहास को फिर से लिखने की जरूरत क्या है? इतिहास तो इतिहास है और हम इसे कैसे बदल सकते हैं? आखिर कोई देश के मौलिक इतिहास को कैसे बदल सकता है?
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माना जा रहा है कि नीतीश कुमार के इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो सकता है. जेडीयू और बीजेपी के बीच की दूरियां भी बढ़ सकती हैं.
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