डीएनए हिन्दी: पंजाब (Punjab) में मानसून सीजन में लगतार भारी बारिश से रावी नदी (Ravi River) उफान पर है. भारत-पाकिस्तान सीमा पर कई स्थानों पर उसकी धारा लगातार बदल रही है. सीमा पर लगी फैंसिंग नदी में समा न जाए इसका का डर बना हुआ है और इसीलिए सीमा पर उफनती हुई रावी नदी सुरक्षा बलों के सामने सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. हालांकि, विपरीत स्थितियों में भी मुस्तैद जवान दिन-रात देश के बॉर्डर के प्रहरी बने हुए हैं.
भारत-पाकिस्तान सीमा पर रावी नदी की बदलती धारा देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकती है. पठानकोट, गुरदासपुर, डेरा बाबा नानक, अमृतसर के अजनाला और रमदास के साथ-साथ तरनतारन और फिरोजपुर के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पहले भी कई बार ऐसे हालात बने हैं. उस समय भी सीमा पर तारबंदी रावी नदी में बह गई थी.
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इस बार इससे निपटने के लिए बीएसएफ ने निगरानी चौकियों में अतिरिक्त बल तैनात करते हुए उनकी हर जरूरत का सामान पहले से उपलब्ध करवा दिया गया है. इस समय फोर्स पूरी तरह से अलर्ट पर हैं. इस तरह के मौसम में सीमा की निगरानी के लिए सुरक्षा बल के आला अधिकारी लगातार बॉर्डर का दौरा कर रहे हैं.
सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की फिक्र है कि पंजाब और राजस्थान के सीमांत इलाके जो पाकिस्तान से जुड़े हैं उन में ड्रोन की गतिविधियां बढ़ने और हेरोइन और हथियारों की तस्करी की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. कुछ दिन पहले ही राजस्थान के श्रीगंगानगर सेक्टर में तो भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक पाकिस्तानी घुसपैठिए रिजवान अशरफ (24) को पकड़ा गया था, जो नूपुर शर्मा की हत्या करने कर लिए भारत की सीमा में खुफिया रास्ते से दाखिल हो गया था.
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इसलिए अब यह नदियों में उफान से पंजाब की सीमा से भी आतंकियों के घुसपैठ की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. इसलिए पंजाब से राजस्थान तक एक सा खतरा बना हुआ है और अब यह बीएसएफ के लिए परेशानी का सबब बन हुआ है. हाल ही में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में पकड़े गए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ-साथ अन्य आरोपियों से पूछताछ में भी यह बात सामने आई है कि आतंकी लगातार पंजाब की सीमा में हथियार, बारूद और ड्रग्स भेज रहे हैं. इन इलाकों में उनके स्लीपर्स सेल पहले से मौजूद हैं.
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हालांकि, पंजाब का प्रशासन यह दावा कर रहा है कि बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए वह पूरी तरह से तैयारी है. सीमा से लगने वालें गांवों को भी अलर्ट कर दिया गया है. किसी भी आपातकालीन स्तिथि में तुरंत उन्हें वहां से हटा कर महफूज जगह ले जाया जाएगा.
ध्यान रहे कि जम्मू-कश्मीर के उज्ज नदी से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा गया और लगातार बरसात होती रही तो रावी नदी में जलस्तर और बढ़ जाएगा, जो कि सुरक्षा के लिहाज से अंतरराष्ट्रीय सीमा के इलाकों पर एक बड़ा खतरा उतपन्न कर सकता है. अभी तक कि जानकारी के अनुसार सभी विभागों को अलर्ट पर रखा गया है और अगर बाढ़ आती है तो तुरंत सुरक्षा बलों के साथ-साथ सभी विभागों के अधिकारी भी एक्शन मोड पर रहें यह निर्देश दिए गए हैं.
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