जल जीवन मिशन से लोगों को मिली राहत, सुलझी किडनी की बीमारियों वाली समस्या 

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 04, 2022, 12:34 PM IST

सिलिका की वजह से महाराष्ट्र के कई जिलों में गुर्दे से संबंधित बीमारियों के बढ़ते मामलों को काबू करने में वरदान साबित हुआ जल जीवन मिशन. 

डीएनए हिंदीः महाराष्ट्र के अकोला जिले के चितलवाड़ी गांव में लोगों का घटता स्वास्थ्य स्तर चिंता का विषय था. गांव में उपलब्ध एकमात्र पेयजल स्रोत से जो पानी उपलब्ध था उसमें सिलिका की मात्रा अधिक थी जिससे वो पानी पीने योग्य नहीं रहा था. सिलिका युक्त पानी पीने के कारण कई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं उत्पन्न हुईं, जिसमें किडनी की बीमारी सबसे ज्यादा देखी गई. पानी में सिलिका कई समस्याओं का कारक है मुख्य रूप से गुर्दे से संबंधित रोग (Kidney Disease) की बड़ी वजह है. इसके कारण चितलवाड़ी गांव के निवासियों को गांव के बाहर से पानी इकट्ठा करने के लिए मजबूर होना पड़ता था जिससे उनका समय, ऊर्जा और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता था. 

पानी की समस्या को हल करने के लिए ग्रामीणों ने एक साथ आकर सर्वसम्मति से ग्राम पंचायत के माध्यम से जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) कार्यक्रम को लागू करने की पहल की. किसान कार्यकर्ता विजय इंगले ने अपने भाई शिवचरण इंगले के साथ एक जल शोधन संयंत्र के लिए 20 लाख रुपये का योगदान दिया, जिससे अब गांव में प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर की दर से पीने के पानी की भरपूर आपूर्ति हो रही है लेकिन यह केवल इंगल भाइयों ने ही संभव नहीं किया बल्कि सभी ग्रामीणों ने मिलकर इसके लिए 20 समुद्री मील जमीन उपलब्ध कराई. जब खेत में संतरे की फसल लगी थी, उस दौरान भी नल कनेक्शन का काम जारी रखा. ग्रामीण जल योद्धा बनने के लिए इतने उत्सुक थे कि उन्होंने इस अवसर पर अपना नुकसान सहन किया. 

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फल स्वरुप गांव में 12 मीटर ऊंची पानी की टंकी बन पाई जिसकी भंडारण क्षमता 1,05,0000 लीटर है. पानी की सप्लाई और भंडारण सुचारू होने के बाद ग्रामीण अब अन्य स्वच्छता और स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए कमर कस चुके हैं. वे गांव में चौबीसों घंटे पानी की आपूर्ति बनाए रखने की योजना बना रहे हैं ताकि ग्रामीणों को पानी जमा न करना पड़े. इससे ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं के समय और धन की बचत होगी और उन्हें अन्य कामों के लिए ज्यादा समय मिल पायेगा. जल जीवन मिशन महाराष्ट्र ने न केवल चीतलवाड़ी के लोगों के शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार किया है बल्कि उनके वित्तीय स्वास्थ्य और उनके मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य को भी बीमारी की चिंता से मुक्त करने में बड़ी भूमिका अदा की है. 

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