Rajasthan Political Crisis: गहलोत समर्थकों का खुला ऐलान, 'पायलट जैसा बागी CM बने इससे बेहतर मध्यावधि चुनाव'

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 30, 2022, 12:00 PM IST

अशोक गहलोत और सचिन पायलट (फाइल फोटो)

Rajasthan Political Crisis:राजस्थान का सियासी संकट सुलझने की जगह उलझता जा रहा है.गहलोत समर्थकों ने साफ-साफ कह दिया है कि हमें दूसरा CM स्वीकार नहीं...

डीएनए हिन्दी: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) अपनी 'सियासी जादूगरी' की वजह न सिर्फ खुद फंस गए हैं बल्कि कांग्रेस पार्टी को भी फंसा दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव न लड़ने के गहलोत के फैसले के बाद अब राजस्थान से सियासी बयान सामने आने लगे हैं. गहलोत कैंप के मंत्रियों और विधायकों ने यह घोषणा कर दी है कि नया मुख्यमंत्री स्वीकार करने से बेहतर होगा इस्तीफा देकर मध्यावधि चुनाव का सामना करना चाहेंगे.

गहलोत के वफादार कैबिनेट मंत्री गोविंद राम मेघवाल (Govind Ram Meghwal) ने जयपुर में बकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह घोषणा कि अगर मुख्यमंत्री बदला गया तो कांग्रेस के सभी विधायक गहलोत की तरफ से इस्तीफा दे देंगे. मेघवाल ने तो इतना तक कह दिया कि पायलट जैसा 'बागी' शख्स हमें किसी रूप में स्वीकार नहीं होगा. हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि सोनिया और राहुल हमारे नेता हैं.

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ध्यान रहे कि सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली निकलने से पहले गहलोत की विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी और कुछ सीनियर मंत्रियों से विवाद भी हो गया था.

राजस्थान की राजनीति के जानकार गहलोत के वफदार मंत्रियों के बयान को केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव की रणनीति के रूप में देख रहे हैं. ध्यान रहे कि पहले यह माना जा रहा था कि गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बनेंगे और सचिन पायलट को राजस्थान में मुख्यमंत्री की बागडोर सौंपी जाएगी. हालांकि, गुरुवार को सोनिया गांधी (Sonia Gnadhi) से मुलाकात के बाद अशोक गहलोत ने साफ-साफ कह दिया कि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे.

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कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल और गोविंद राम मेघवाल ने तो कांग्रेस महासचिव और राजस्थान के प्रभारी अजय माकन पर ही आरोप लगा दिए. उन्होंने कहा कि माकन सचिन पायलट का पक्ष ले रहे हैं. दोनों ने कहा कि माकन ने पायलट समर्थक विधायक वेद प्रकाश सोलंकी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, जबकि वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे.

इस बीच महेश जोशी ने ट्वीट कर कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांग कर नैतिकता, विश्वास और वफादारी के उच्चतम आयामों को छुआ है. शायद इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ऐसी विनम्रता की मिसाल पेश की हो. ध्यान रहे कि कांग्रेस द्वारा जिन 3 नेताओं को अनुशासनहीनता के लिए नोटिस दिया गया था, महेश जोशी उनमें से एक हैं.

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