डीएनए हिन्दी: रांची हिंसा (Ranchi Violence) मामले में हमारे सहयोगी चैनल जी न्यूज के पास कुछ Exclusive वीडियो मिले हैं. ये वीडियो 10 तारीख के हैं. वीडियो से पता चलता है कि उन्मादी भीड़ ने न सिर्फ पुलिस और मंदिर को निशाना बनाया बल्कि उन्होंने आम लोगों के घरों को भी निशाना बनाया. वीडियो में भीड़ द्वारा फायरिंग के भी सबूत मिल मिले हैं. यही नहीं पुलिस ने जब इस मामले की गहराई से जांच की तो पता चला है कि नमाज के बाद की हिंसा सुनियोजित थी.
सूत्रों के मुताबिक, जांच में सामने आया है कि लोगों को एक साथ इकट्ठा करने के लिए एक WhatsApp ग्रुप बनाया गया था. WhatsApp ग्रुप के जरिए हिंसा की प्लानिंग हुई. इस ग्रुप का नाम 'वासेपुर गैंग' (Wasseypur Gang) रखा गया था. झारखंड पुलिस अब इस ग्रुप के एडमिन की तलाश कर रही है. रांची की पत्थरबाजी में रोहिंग्या मुसलमानों के शामिल रहने की भी आशंका है.
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इस ग्रुप में पैगंबर मोहम्मद साहब का वास्ता देकर मस्जिद के बाहर जुटने की अपील की गई थी. इसके बाद ही पूरा शहर हिंसा की आग में जल उठा.
जी न्यूज को जो वीडियो हाथ लगा है उसमें दंगाई लोगों के घरों में पत्थरबाजी करते हुए दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में गोली चलने की आवाज भी साफ सुनाई दे रही है. यह वीडियो हिंदपीढ़ी इलाके का है. इस वीडियो में कई पत्थरबाज चेहरे पर रूमाल बांधे दिख रहे हैं ताकि उनकी पहचान नहीं हो सके.
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एक सीसीटीवी क्लिप भी मिला है. यह शाम 4.30 बजे का है. इसमें नीले रंग के कुर्ते में बड़ी संख्या में दंगाई दिखाई दे रहे हैं. गौरतलब है कि इसके पहले सहारनपुर में भी दंगाई नीली टोपी में नजर आए थे. अब यह जांच के बाद पता चलेगा कि नीली टोपी और नीले कुर्ते वालों के बीच कोई कनेक्शन तो नहीं है?
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