Samajwadi Party: शिवपाल-राजभर को गठबंधन से बाहर करने के मूड में सपा, कहा- जहां सम्मान मिले वहां चले जाएं

अभिषेक शुक्ल | Updated:Jul 23, 2022, 04:03 PM IST

ओम प्रकाश राजभर और शिवपाल यादव.

ओम प्रकाश राजभर और शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक पत्र में कहा है कि जहां सम्मान मिले, वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं.

डीएनए हिंदी: समाजवादी कुनबे (Samajwadi Party) की पारिवारिक लड़ाई सुलझती नजर नहीं आ रही है. भतीजे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और चाचा शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) के बीच जारी सियासी लड़ाई सुलझने की जगह और उलझ गई है. समाजवादी पार्टी ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव को खुले तौर पर कह दिया है कि जहां आपको सम्मान मिले, वहीं चले जाएं. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) को भी सपा ने यही संदेश दिया है.

सपा के केंद्रीय कार्यालय की ओर से जारी पत्र में शिवपाल यादव से कहा गया है, 'माननीय शिवपाल सिंह यादव जी, अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो आप वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं.' केंद्रीय कार्यालय की ओर से जारी पत्र में सपा के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव और यूपी के सपा अध्यक्ष का जिक्र है. 

Shiv Sena Symbol: किसकी होगी शिवसेना? उद्धव ठाकरे या एकनाथ शिंदे, चुनाव आयोग ने मांगे दस्तावेज

ओमप्रकाश राजभर को भी सपा के केंद्रीय कार्यालय की ओर से पत्र लिखा गया है. पत्र में साफ कहा गया है, 'ओम प्रकाश राजभर जी. सपा लगातार बीजेपी के खिलाफ लड़ रही है. आपका बीजेपी के साथ गठजोड़ है. लगातार बीजेपी को मजबूर करने के लिए काम कर रहे हैं. अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं.'

क्यों सपा को नहीं जम रहा शिवपाल का साथ?

शिवपाल यादव, अखिलेश यादव के नेतृत्व को बर्दाश्त नहीं करते हैं. 2014 के बाद से ही दोनों नेताओं में सियासी तल्खी जारी है. 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों में कई दौर की राजनीतिक बयानबाजी के बाद दोनों साथ आए. उन्होंने जसवंत नजर विधानसभा सीट से सपा के सिंबल पर चुनाव भी लड़ा लेकिन तल्खी खत्म नहीं हुई. शिवपाल यादव हमेशा आरोप लगाते रहे हैं कि अखिलेश यादव उन्हें सम्मान नहीं देते हैं. अब अखिलेश यादव की ओर से साफ कह दिया गया है कि जहां सम्मान मिले, वहां चले जाएं. 

Ukraine में MBBS की पढ़ाई छोड़कर भारत लौटे छात्र रामलीला मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे, जानिए क्या है उनकी मांग

क्यों ओपी राजभर से नहीं बन रही है अखिलेश की बात?

विधानसभा चुनावों में सपा गठबंधन की वजह से सुभासपा ने 6 सीटों पर जीत हासिल कर ली थी. चुनाव में नतीजे सपा के पक्ष में नहीं आए तो राजभर ने अखिलेश का साथ छोड़ना शुरू कर दिया. राष्ट्रपति के चुनाव में राजभर ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के बजाय राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया. यहीं से समीकरण और बिगड़ गए. अब सपा ने साफ कह दिया है कि अगर आपको दूसरी पार्टियों का साथ अच्छा लग रहा है तो उन्हीं का साथ निभाइए, सपा आपको स्वतंत्र करती है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

samajwadi party akhilesh yadav Shiv Pal Yadav OP rajbhar