डीएनए हिन्दी: हाथ में लाठी, मुठ्ठी बंधी हुई और आंखों में तेज...ये नजारा आजकल मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मालवा के स्कूलों में आम नजर आ रहा है. यहां स्कूलों में लड़कियां लाठी (Lathi) भांजना सीख रही हैं. लड़कियां अपने हाथों में लाठियां ऐसे घुमा रही हैं जैसे यह कोई बच्चों का खेल हो. लाठी चलाना उन्हें सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग (Self Defence Training) के तहत सिखाया जा रहा है.
लड़कियां लाठी के साथ अपने-आप को मजबूत कर रही हैं. कोई लड़की एक हाथ से लाठी घुमा रही है वहीं कोई दोनों हाथों से. कहीं लड़कियां आमने-सामने युद्ध करना सीख रही हैं. ये सारे काम वे बेहद आसानी से कर रही हैं.
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इस ट्रेनिंग में शामिल लड़कियों में एक मोहिका का कहना है कि इससे हमारा हौसला बढ़ रहा है और इससे हम खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. मोहिका कहना है कि अगर अब कोई लफंगा रास्ते में छेड़ता है तो हम उसका डटकर मुकाबला कर सकते हैं.
लाठी की ट्रेनिंग दे रहे सतीश गहलोत का कहना है कि लाठी चलाने की विधा भारत में परंपरागत है. लड़कियां इसमें काफी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. पूरी ट्रेनिंग के बाद लड़कियां चारों दिशाओं में लाठी की मदद से अपनी सुरक्षा कर सकती हैं. गहलोत का कहना है इससे लड़कियों का हौसला बढ़ रहा है.
दरअसल मध्य प्रदेश सरकार ने लाठी को अपने खेलों में शामिल किया है. ऐसे में अब लड़कियां भी बढ़-चढ़कर इसे सीख रही हैं और खुद को मजबूत बना रही हैं.
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