Shiv Sena Chief Whip: अब लोकसभा सांसदों के टूटने का डर, शिवसेना ने बदला अपना मुख्य सचेतक

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 06, 2022, 10:17 PM IST

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे. (फाइल फोटो-PTI)

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने बुधवार को राजन विचारे को लोकसभा में पार्टी का मुख्य सचेतक बनाया है. इसके पहले मुख्य सचेतक भावना गवली थीं. यह जानकारी शिवसेना सांसद संजय राउत ने दी...

डीएनए हिन्दी: उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली शिवसेना ने बुधवार को राजन विचारे (Rajan Vichare) को लोकसभा में पार्टी का मुख्य सचेतक बनाया है. इसके पहले मुख्य सचेतक भावना गवली (Bhavana Gawali) थीं. यह जानकारी शिवसेना सांसद संजय राउत ने दी.

गवली पूर्वी महाराष्ट्र के यवतमाल लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं. ध्यान रहे कि गवली ने भी सुझाव दिया था कि शिवसेना को महा विकास अघाड़ी से अलग होकर बीजेपी के साथ सरकार बनानी चाहिए. माना जा रहा है कि गवली एकनाथ शिंदे के करीबी हैं.

यह भी पढ़ें, कैसा रहेगा आदित्य ठाकरे का राजनीतिक भविष्य, सर्वे में सामने आईं ये बातें

शिवसेना संसदीय दल के नेता संजय राउत में बुधवार को संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि भावना गवली की जगह लोकसभा में राजन विचारे को तत्काल प्रभाव से मुख्य सचेतक नामित किया जाता है.

राजन विचारे ठाणे लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं. एकनाथ शिंदे भी ठाणे से ही आते हैं. राजन विचारे और एकनाथ शिंदे दोनों के राजनीतिक गुरु दिवंगत शिवसेना नेता आनंद दिघे रहे हैं. हालांकि, दोनों एक-दूसरे के विरोधी रहे हैं. ध्यान रहे कि शिवसेना के लोकसभा में 18 और राज्यसभा में 3 सांसद हैं.

यह भी पढ़ें, Uddhav Thackeray के इस्तीफे पर Kangana Ranaut का ताना, कहा - हनुमान चालीसा बैन करने वालों को...

गौरतलब है कि एक दिन पहले ही शिवसेना के बागी विधायक गुलाबराव पाटिल ने दावा किया था कि शिवसेना के 18 में से 12 सांसद जल्द ही एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट में शामिल होंगे.

अभी हाल ही में शिवसेना के लोकसभा सांसद राहुल शेवाले ने उद्धव ठाकरे से कहा था कि पार्टी को राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करना चाहिए. शेवाले ने कहा था कि आदिवासी समाज से आने वाली महिला को समर्थन देने से पार्टी को ही फायदा होगा.

मुख्य सचेतक का अहम रोल होता है. वह पार्टी की तरफ से व्हिप जारी कर सकता है. व्हिप ने हाल के राजनीतिक संकट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के विश्वास मत के दौरान वोटिंग के लिए व्हिप जारी किया गया था. हालांकि, अभी व्हिप की वैधता पर विवाद हो रहा है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

udhav thackrey eknath shinde vs uddhav thackeray shivsena