डीएनए हिन्दी: महाराष्ट्र की राजनीति में नया ट्विस्ट देखने को मिल रहा है. सोमवार को एकनाथ शिंदे का फ्लोर टेस्ट था. सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष के लिए भी यह अहम दिन था. लेकिन कांग्रेस पार्टी में 'खेल' हो गया. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण सहित कांग्रेस के करीब एक दर्जन विधायक गैरमौजूद रहे. बताया जा रहा है कि इस गैरमौजूदगी को कांग्रेस नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है. हालांकि, अशोक चव्हाण का कहना है कि वह विधानसभा समय से नहीं पहुंच पाए इसलिए वोटिंग में हिस्सा नहीं ले पाए.
11 विधायकों की गैरमौजूदगी के बाद यह अफवाह फैल रही है कि कांग्रेस में विभाजन तय है. बताया जा रहा है कि जल्दी महाराष्ट्र कांग्रेस के कई विधायक पार्टी छोड़ सकते हैं. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस भी महा विकास अघाड़ी से अलग हो सकती है. यह अघाड़ी 2019 में चुनाव में बाद बीजेपी को सत्ता से हटाने लिए बनी थी.
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हालांकि, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एचके पाटिल ने इन अफवाहों को निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस एनसीपी और शिवसेना का गठबंधन सरकार गिरने के बाद भी बना रहेगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी के ऑपरेशन लोटस की वजह से महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की सरकार गिरी है. उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस ने न सिर्फ स्पीकर के चुनाव के लिए एमवीए के उम्मीदवार का समर्थन किया बल्कि फ्लोर टेस्ट के दौरान भी सरकार के खिलाफ वोट किया.
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गौरतलब है कि महाराष्ट्र की नई एकनाथ शिंदे सरकार ने सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया. शिंदे सरकार के पक्ष में 164 विधायकों ने वोट किया और 99 विधायकों ने महा विकास अघाड़ी के साथ मतदान किया. हालांकि, एक दिन पहले स्पीकर के लिए हुए वोटिंग से प्लोर टेस्ट के दौरान महा विकास अघाड़ी को 8 वोट कम मिले.
ध्यान रहे कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेन को झटका देते हुए एक विधायक शिंदे खेमा में चला गया है. इस विधायक का नाम है संतोष बांगर. अब उद्धव के साथ सिर्फ 15 विधायक बचे हैं.
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वहीं शिंदे खेमे के भारत गोगावाले को सदन में शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में नियुक्ति को विधानसभा अध्यक्ष ने रविवार को मंजूरी दे दी थी. उन्होंने सोमवार को स्पीकर को याचिका देकर आदित्य ठाकरे समेत शिवसेना के 15 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इन विधायकों ने पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया है. उन्होंने कहा कि हम ही असली शिवसेना हैं और मूल रूप से यह शिवसेना और बीजेपी की सरकार है.
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