डीएनए हिन्दी: बिहार में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है. नई सरकार बनने पर यह मुद्दा और उछला है. सरकार बनते ही उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने 10 लाख सरकारी नौकरी देने का ऐलान कर दिया. इस ऐलान पर तमाम आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं. इसी बीच सोमवार को प्रदेश की राजधानी पटना में नौकरी की मांग कर रहे टीईटी परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थियों पर पुलसि ने जमकर लाठियां बरसाईं. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पिछले 3 सालों से सरकार सिर्फ आश्वासन दे रही है और जब हम हक मांगने आएं तो हम पर लाठियां बरसाईं जा रही हैं.
बिहार में टीईटी परीक्षा पास कर चुके अभ्यथियों ने बताया कि सरकार ने 8 साल बाद परीक्षा ली थी. नोटिफिकेशन 2019 में जारी किया गया. जनवरी 2020 में ऑफलाइन मोड में परीक्षा ली गई लेकिन कुछ परीक्षा केंद्रों पर फर्जीवाड़े की बात सामने आने के बाद उसे रद्द कर दिया गया. दोबारा यह परीक्षा सितंबर 2020 में ऑनलाइन मोड में ली गई.
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सरकार द्वारा पिछले 2 सालों से अभ्यर्थियों को सिर्फ आश्वासन दे रही है. पटना में प्रदर्शन करने पहुंचे अभ्यर्थियों की मांग है कि सरकार सातवें चरण की बहाली जल्द शुरू करे. उनका कहना है कि सरकार स्कूलों में खाली पदों के लिए जल्द विज्ञप्ति निकाले. वहीं सरकार का कहना है कि अभी छठे चरण के ही नियोजन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है, ऐसे में सातवें चरण की बहाली हम कैसे शुरू कर सकते हैं.
दूसरी तरफ प्रदर्शनकारियों का कहना है कि छठे चरण में 53 हजार पद खाली हैं. इसका वजह है कि रोस्टर के हिसाब से इन पदों के लिए आवेदक नहीं मिल रहे हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि इन पदों को सातवें चरण में सम्मिलित करके नई वैकेंसी निकाली जाए और तेजी से बहाली प्रक्रिया शुरू की जाए.
लाठियां खाने के बाद भी प्रदर्शनकारियों का कहना है कि टीईटी पास अभ्यर्थियों को जब तक नौकरी नहीं दी जाती प्रदर्शन जारी रहेगा.
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