सरकार कर रही बड़ी तैयारी, उत्तर प्रदेश के मदरसों में पढ़ाएंगे TET पास टीचर

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 02, 2022, 02:15 PM IST

यूपी के मदरसे में पढ़ाई करते बच्चे

उत्तर प्रदेश के मदरसों की शिक्षा की क्वॉलिटी में सुधार के लिए सरकार बड़ी तैयारी कर रही है. प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि सरकार मदरसों में शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा उतीर्ण होने की योग्यता को अनिवार्य करने जा रही है...

डीएनए हिन्दी: उत्तर प्रदेश के मदरसों की शिक्षा की क्वॉलिटी में सुधार के लिए सरकार बड़ी तैयारी कर रही है. सरकार इन मदरसों में शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (Teacher Eligibility Test) उत्तीर्ण होने की योग्यता को अनिवार्य करने की तैयारी कर रही है. इसकी जानकारी प्रेदश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी (Danish Azad Ansari) ने दी.

अंसारी ने बताया कि राज्य सरकार मदरसों में शिक्षकों की भर्ती में टीईटी को अनिवार्य बनाएगी. इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य के मदरसों में स्टूडेंट्स को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया गया है, क्योंकि यह वैज्ञानिक आधार पर तैयार किया गया कोर्स है. इसलिए इसे बेहतर ढंग से पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों का होना लाजमी है.

उन्होंने कहा कि इसके मद्देनजर सरकार मदरसों में शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रतिभागियों का टीईटी उत्तीर्ण होना जरूरी करने जा रही है. हालांकि, अंसारी ने स्पष्ट किया कि टीईटी की अनिवार्यता उर्दू, अरबी, फारसी या दीनियात के शिक्षकों के लिए लागू नहीं होगी. यह सिर्फ एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पढ़ाने वाले शिक्षकों की भर्ती पर ही लागू की जाएगी. 

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इस सवाल पर कि मदरसों में शिक्षकों की भर्ती का कानूनी अधिकार उनकी प्रबंध समितियों के पास होता है, क्या सरकार भर्ती में टीईटी की अनिवार्यता लागू करने के लिए कानून में कोई बदलाव करेगी, अंसारी ने कहा, 'नहीं ऐसा कुछ भी नहीं होगा. बस हम इतना करने जा रहे हैं कि मदरसों में आधुनिक शिक्षा के शिक्षकों की भर्ती में टीईटी योग्यता अनिवार्य हो.' उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017 में तहतानिया (कक्षा एक से पांच), फौकानिया (कक्षा पांच से आठ) और आलिया या उच्च आलिया स्तर (हाईस्कूल व उससे ऊपर) के मदरसों में एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई की मंजूरी दी थी. 

‘टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया’ के संयुक्त महामंत्री हकीम अब्दुल हक ने मदरसा शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी की अनिवार्यता की तैयारी के बारे में कहा कि इससे मदरसा शिक्षकों में भेदभाव को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि आधुनिक शिक्षा देने वाले शिक्षकों के लिए टीईटी की अनिवार्यता लागू करने से एक ही मदरसे में पढ़ाने वाले शिक्षकों के बीच योग्यता का व्यावहारिक अंतर होगा, क्योंकि टीईटी पास करके भर्ती होने वाले शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता दीनियात या उर्दू, अरबी, फारसी पढ़ाने वाले शिक्षकों से ज्यादा होगी.

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