दवा की दुकान में डेढ़ करोड़ की छिपकली मिली, पढ़ें क्यों है इतनी खास कि करोड़ों में लगता है दाम

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 30, 2022, 10:40 PM IST

Tokay Gecko नस्ल की छिपकली की प्रजातियां धीरे-धीरे लुप्त हो रही है. इसका कारण इस नस्ल की तस्करी बड़े पैमाने पर किया जाना है.

डीएनए हिंदी: बिहार के पुर्णिया में एक दवा की दुकान से कफ सिरप (Cough Syrup) के बीच दुर्लभ नस्ल की छिपकली मिलने से पुलिस हैरान रह गई. तस्कर इस छिपकली को जंगलों से लाए थे और दिल्ली भेजने वाले थे. तस्करों के भेजने से पहले ही टीम ने छापेमारी कर छिपकली को बरामद कर लिया. छिपकली की इंटरनेशनल मार्केट में कीमत करीब डेढ़ से दो करोड़ रुपये है. इसकी वजह छिपकली का टोकाय गेयको नस्ल का होना है.

दरअसल, पुर्णिया जिले के बायसी थाना पुलिस ने देर रात एक दवा की दुकान में छापेमारी की. यहां कोडीन युक्त कफ सिरप के साथ टोकाय गेयको नस्ल की छिपकली (Tokay Gecko Lizard) मिली. इसकी इंटरनेशनल मार्केट में कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपये है. एसडीपीओ आदित्य कुमार ने बताया कि आरोपी तस्कर इस छिपकली की दिल्ली में तस्करी करने वाले थे. तस्कर पश्चिम बंगाल के करंडीघी से छिपकली लेकर आए थे. पुलिस ने इस मामले में 4 तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

इन देशों में है भारी डिमांड

रिपोर्टस की मानें तो पूर्वात्तर भारत समेत, इंडोनेशिया, चीन, फिलीपींस, नेपाल और बांग्लोदश में इस टोकाय गेयको नस्ल की छिपकली की भारी डिमांड है. वन्य अधिकारियों का दावा है कि इस प्रजाति की छिपकली धीरे धीरे लुप्त हो रही है. देश से लेकर विदेशों में इसकी तस्करी की जा रही है. 

इसलिए डिमांड में रहती है टोकाय गेयको नस्ल की छिपकली

टोकाय गेयको छिपकली की भारी डिमांड की वजह इसका दवाओं में इस्तेमाल किया जाना है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एशियाई देशों में इस छिपकली का इस्तेमाल त्वचा चमकाने वाले प्रॉडक्ट्स से लेकर नशे और तंत्र मंत्र के लिए भी किया जाता है. एक किलो टोकाय के मांस बनी दवाई की कीमत करीब 10 हजार यूरो है.

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