डीएनए हिंदी: कई दिनों की राजनीतिक रस्साकशी के बाद उद्धव ठाकरे (Uddhav Thaceray) ने महाराष्ट्र के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. शिवसेना (Shiv Sena) चीफ उद्धव ठाकरे के इस्तीफे की खबर आते ही भारतीय जनता पार्टी के खेमे में जश्न शुरू हो गया है. महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) ने पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) को मिठाई खिलाई. बीजेपी के अन्य नेताओं ने भी एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशियां मनाई. माना जा रहा है कि एकनाथ शिंदे गुट के दम पर देवेंद्र फडणवीस सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं. हाल ही में देवेंद्र फडणवीस ने दिल्ली जाकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की थी.
देवेंद्र फडणवीस के साथ महाराष्ट्र बीजेपी के नेताओं के साथ-साथ पार्टी के सभी विधायक भी ताज प्रेसिडेंट होटल में मौजूद रहे. इस्तीफे की खबर आते ही बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की. बीजेपी को पूरा भरोसा है कि अब वह महाराष्ट्र की सत्ता में वापसी कर सकेगी. हालांकि, अभी तक एकनाथ शिंदे ने आधिकारिक तौर पर यह नहीं कहा है कि वह बीजेपी के साथ सरकार बनाएंगे लेकिन यह साफ है कि यह पूरी कवायद ही बीजेपी और एकनाथ शिंदे की मिलीभगत से हुई है.
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देवेंद्र फडणवीस ने सत्ता में वापसी के लिए जमकर बहाया पसीना
पांच साल सीएम रहने के बाद देवेंद्र फडणवीस उस वक्त सकते में आ गए थे जब साल 2019 में शिवसेना ने अपना सीएम बनाने की बात कह दी थी. शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने उस वक्त कहा कि उनसे अमित शाह ने वादा किया था कि सत्ता में वापसी के बाद शिवसेना और बीजेपी ढाई-ढाई साल के लिए सीएम पद साझा करेंगी. हालांकि, बीजेपी ने इस बात को झूठ करार दिया और शिवसेना का सीएम बनाने पर वह राजी नहीं हुई.
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देवेंद्र फडणवीस ने उस वक्त भी जमकर पसीना बहाया और सरकार बनाने की कोशिश की. अचानक रात के अंधेरे में देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी के अजीत पवार के समर्थन से सीएम पद की शपथ भी ले ली लेकिन उनको दो ही दिन में इस्तीफा भी देना पड़ा क्योंकि शरद पवार ने यह कहा कि अजीत पवार ने अपनी मर्जी से समर्थन दे दिया जबकि एनसीपी तो उद्धव ठाकरे से बातचीत कर रही थी.
फडणवीस ने कर दिया खेल
बाद में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने मिलकर सरकार बना ली. सरकार बन जाने के बावजूद देवेंद्र फडणवीस लगातार सक्रिय रहे और एकनाथ शिंदे समेत कई नेताओं पर डोरे डालते रहे. आखिरकार विधान परिषद के समय उनकी मेहनत और कूटनीति रंग लाई और एकनाथ शिंदे बगावत के लिए तैयार हो गए. बगावत के बाद विधायकों को मैनेज करने और उन्हें पहले सूरत फिर गुवाहाटी पहुंचाने में भी देंवेंद्र फडणवीस ने अहम भूमिका निभाई.
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गुवाहाटी जाने के बाद एकनाथ शिंदे कुछ घंटों के लिए वापस आए और उन्होंने देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की. इसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र बीजेपी से लेकर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को विश्वास में लिया और यह सुनिश्चित किया कि सबकुछ धीरे-धीरे ही सही हो लेकिन पिछली बार की तरह कहीं कोई गलती न होने पाए. बीजेपी ने भी खुलेआम खुशी तभी मनाई जब उद्धव ठाकरे ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया.
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