डीएनए हिन्दी: मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के साटा बुद्ध सिंह गांव में मंगलवार को हर तरफ रोने की आवाज सुनाई दे रही थी. हर किसी की आंखें नम थीं. कोई भी अपना दर्द शब्दों में बयां नहीं कर पा रहा था. इस गांव में जब से उत्तराखंड में हुए हादसे की सूचना पहुंची थी तभी से कई घरों में चूल्हे तक नहीं जले थे.
गौरतलब है कि चारधाम की यात्रा पर गए लोगों की बस उत्तराखंड के उत्तरकाशी में रविवार की रात को हादसे का शिकार हो गई थी. इस हादसे में 26 लोगों की मौत हई थी, इसमें 24 पन्ना और 1 छतरपुर जिले के रहने वाले थे. पन्ना जिले का साटा बुद्ध सिंह ऐसा गांव है, जहां के 8 लोगों ने इस हादसे में जान गंवाई. इस गांव के द्विवेदी परिवार के 6 और राजेंद्र सिंह के परिवार के 2 लोगों ने जान गंवाई.
उत्तराखंड से भारतीय वायुसेना के विमान से सभी तीर्थयात्रियों के शवों को खजुराहो लाया गया था. बाद में एंबुलेंस के जरिए उनके घरों तक भेजा गया था. इन सभी शवों को लेकर क्षेत्रीय सांसद विष्णुदत्त शर्मा देहरादून से खजुराहो पहुंचे थे.
उत्तराखंड के हादसे की सूचना के बाद से उन सभी गांव जहां के लोग तीर्थयात्रा पर गए थे मातम छाया हुआ है. बुद्ध सिंह साटा गांव में तो मंगलवार को जो व्यक्ति भी पहुंचा उसकी आंखें नम हो गईं. महिलाओं, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के रुदन ने गांव को पूरी तरह दुख के सागर में डुबो दिया था.
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