डीएनए हिंदीः महाराष्ट्र में जारी सियासी हलचल अब खत्म हो चुकी है. एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) राज्य के नए मुख्यमंत्री बन चुके हैं. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेन्द्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. अब सभी की निगाहें बागी गुट के विधायकों पर हैं. 21 जून से यह विधायक मुंबई से बाहर कभी सूरत तो कभी गुवाहाटी और इसके बाद गोवा में रुके हुए हैं. शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद माना जा रहा था कि बागी विधायक मुंबई आएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. आखिर बागी गुट के विधायक मुंबई क्यों नहीं लौट रहे हैं? इस रिपोर्ट में विस्तार से समझते हैं.
विधानसभा के विशेष सत्र का हो रहा इंतजार
दरअसल शिंदे गुट राज्यपाल से आदेश का इंतजार कर रहा था कि वह सदन में बहुमत साबित करने का आदेश कब देते हैं. अगर इस फैसले में देरी होती है तो विधायकों को मुंबई में संभालना थोड़ा मुश्किल हो सकता था. इन विधायकों के उद्धव ठाकरे के संपर्क में आने की भी संभालना थी. शिंदे गुट ऐसा कोई खतरा उठाना नहीं चाहता था. ऐसे में विधायकों को गोवा में रोका गया.
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2 जुलाई को साबित करना है बहुमत
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से शनिवार यानी कि आगामी 2 जुलाई को बहुमत साबित करने के लिए कहा है. इसके साथ ही महाराष्ट्र कैबिनेट ने 2 दिनों (2 और 3 जुलाई) के लिए राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया है. सत्र के पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव संपन्न होगा. नाना पटोले के इस्तीफे के बाद से स्पीकर का पद खाली है.
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शिंदे ने आज बुलाई बैठक
एकनाथ शिंदे ने आज सभी विधायकों की बैठक बुलाई है. इसमें स्पीकर और विधानसभा अध्यक्ष को लेकर रणनीति बनाई जानी है. सूत्रों का कहना है कि बीजेपी ये दोनों अहम पद अपने पास रख सकती है. इस संबंध में बीजेपी की शिंदे गुट के साथ चर्चा भी हो चुकी है. बैठक में शामिल होने के लिए बागी गुट के विधायक आज मुंबई लौट सकते हैं.
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