डीएनए हिन्दी: जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी (Arshad Madani) ने 2006 में वाराणसी बम ब्लास्ट मामले में मुफ्ती वलीउल्लाह (Waliullah) को मिले फांसी की सजा को हाई कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है. उन्होंने कहा कि निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी. हमें पूर्ण विश्वास है कि हाई कोर्ट से उन्हें न्याय मिलेगा. उन्होंने आगे कहा, ऐसे कई मामले हैं, जिनमें निचली अदालतों ने सजाएं दीं लेकिन जब मामला उच्च न्यायालय में गया तो इन्साफ मिला. गौरतलब है कि वाराणसी बम ब्लास्ट मामले में गाजियाबाद सेशन कोर्ट द्वारा वलीउल्लाह को फांसी की साज दी गई है.
मौलाना मदनी ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि अक्षरधाम मंदिर हमले में निचली अदालत ने मुफ्ती अब्दुल कय्यूम समेत 3 लोगों को फांसी और 4 को आजीवन कारावास की सजा दी थी. इस मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने भी निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा था.
मौलाना ने कहा कि जब यह मामला जब सुप्रीम कोर्ट में गया तो यह सारे लोग न केवल सम्मानपूर्वक बरी हुए, बल्कि निर्दोषों को आतंकवाद के इल्जाम में फंसाने पर अदालत ने गुजरात पुलिस को कड़ी फटकार लगाई थी. मदन ने कहा कि हमें विश्वास है कि इस मुकदमे में भी हमें अन्य मुकदमों की तरह सफलता मिलेगी.
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