'धमाकों के दोषियों के प्रति सहानुभूति रखने से बेहतर PM का एजेंट होना', उद्धव ठाकरे के आरोप पर शिंदे का पलटवार

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 12, 2022, 11:50 PM IST

उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे.

एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर हमला करते हुए कहा कि शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे का सपना पूरा करने वाले लोगों का ‘एजेंट’ बनना बेहतर है.

डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि याकूब मेमन के प्रति सहानुभूति रखने से बेहतर है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का ‘एजेंट’ कहा जाए. जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 को रद्द कर दिया. मेमन को 1993 के मुंबई बम धमाकों में उसकी भूमिका के लिए 2015 में फांसी दी गई थी.

एकनाथ शिंदे ने औरंगाबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले धड़े पर यह दावा करते हुए हमला किया कि शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे का सपना पूरा करने वाले लोगों का ‘एजेंट’ बनना बेहतर है. मुंबई के एक कब्रिस्तान में मेमन की कब्र के रखरखाव को लेकर उसके उद्धव ठाकरे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व में शिवसेना गुट के बीच युद्ध चल रहा है. शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट की सहयोगी भाजपा ने दावा किया है कि मेमन की कब्र का “सौंदर्यीकरण” पूर्व उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार  ने नवंबर 2019-जून 2022 के दौरान कराया था.

'मोदी-शाह का एजेंट होना बेहतर'
बीजेपी ने इस मामले में उद्धव ठाकरे से माफी की मांग की है. वहीं, शिंदे ने कहा, “इसकी जांच होनी चाहिए कि याकूब मेमन की कब्र का सौंदर्यीकरण किसके कार्यकाल में हुआ. आरोप लगाया जा रहा है कि हम पीएम मोदी और अमित शाह के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं. याकूब मेमन के एजेंट होने के बजाय बालासाहेब ठाकरे के सपने को पूरा करने वालों का एजेंट बनना बेहतर है जिन्होंने अनुच्छेद 370 जो जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करता था को रद्द कर दिया.' 

उन्होंने शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में छपे उस लेख को भी खारिज किया जिसमें कहा गया था कि भाजपा “मुंबई से मराठी लोगों को खत्म करने” के लिए काम कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा, “यह आरोप लगाया जा रहा है कि भाजपा मुंबई से मराठियों को खत्म करने के लिए हमारा इस्तेमाल कर रही है. इसे छापने वाले 'सामना' को इस पर एक विश्लेषण भी प्रकाशित करना चाहिए कि मराठी भाषी लोग मुंबई से बाहर क्यों गए.” 

शिवसेना ने जनता को दिया धोखा
उन्होंने कहा कि शिवसेना ने 2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के साथ गठबंधन में वोट मांगा था और यह आत्मनिरीक्षण करने का समय है कि किसने हिंदुत्व की विचारधारा और मतदाताओं को "धोखा" दिया. शिवसेना ने 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद अपने चुनाव पूर्व गठबंधन सहयोगी भाजपा से नाता तोड़ लिया था और एमवीए सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ हाथ मिलाया था. अपने दौरे के दौरान शिंदे ने पैठण में प्रख्यात संत एकनाथ मंदिर में प्रार्थना भी की.

(इनपुट- PTI)