CM Ashok Gehlot के भाई के घर CBI का छापा, पोटाश घोटाले से जुड़ा है मामला

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 17, 2022, 12:24 PM IST

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Ashok Gehlot के भाई अग्रसेन गहलोत के घर सीबीआई ने मारा छापा. 2007 से 2009 के बीच उनकी कंपनी पर पोटाश घोटाले का लगा है आरोप.

डीएनए हिंदीः राजस्थान (Rajasthan) में पोटाश घोटाले की जांच से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. जहां शुक्रवार को सीबीआई (CBI) ने राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के भाई के घर छापेमारी की है. सीबीआई की इस कार्रवाई को राहुल गांधी के लिए अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) द्वारा दिल्ली में किए जा रहे प्रदर्शन से जोड़कर देखा जा रहा है. जानकारी के मुताबिक अशोक गहलोत के भाई ने किसानों के लिए खरीदी गई पोटाश को निजी कंपनी को बेच दिया था. इससे उन्होंने भारी मुनाफा कमाया था.

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अग्रसेन गहलोत घर पर मौजूद

जानकारी के मुताबिक अनुसार शुक्रवार सुबह सीबीआई (CBI) सीएम गहलोत (CM Ashok Gehlot) के भाई अग्रसेन गहलोत के घर दुकान पर पहुंची है. वहीं एक सीबीआई की एक टीम पावटा स्थित अग्रसेन गहलोत की दुकान पर भी पहुंची है. जांच करने पहुंची सीबीआई (CBI) की इस टीम में कुल 10 अधिकारी हैं. जिसमें पांच अधिकारी दिल्ली से और पांच अधिकारी जोधपुर से हैं. फिलहाल सीबीआई की टीम मामले की जांच में जुटी है. जानकारी के अनुसार जांच के दौरान अग्रसेन गहलोत घर पर ही मौजूद थे.

2012-13 में हुआ था पोटाश घोटाले का खुलासा 

इस घोटाले का खुलासा डायरेक्ट्रोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने 2012-13 में किया था. ईडी भी इस घोटाले की डांच कर रही है. ईडी का इस मामले में कहना है कि अग्रसेन गहलोत की कंपनी अनुपम कृषि, म्यूरियेट ऑफ पोटाश (एमओपी) फर्टिलाइजर के एक्सपोर्ट पर बैन होने के बावजूद उसके निर्यात में शामिल थी. एमओपी को इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) निर्यात कर किसानों को सब्सिडी पर बेचती है. अग्रसेन गहलोत इंडियन पोटाश लिमिटेड आईपीएल के अधिकृत (Authorized) डीलर थे.

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2007 से 2009 के बीच अग्रसेन गहलोत की कंपनी ने सब्सिडाइज रेट पर एमओपी खरीदा था. कंपनी ने एमओपी को किसानों को बेचने के बजाय मुनाफा कामाने के उद्देश्य से दूसरी कंपनी को बेच दिया गया था. अग्रसेन गहलोत की कंपनी से एमओपी खरीदने कंपनियों ने एमओपी को इंडस्ट्रियल सॉल्ट के नाम पर मलेशिया और सिंगापुर पहुंचा दिया. फिलहाल इस मामले की जांच ईडी में लंबित चल रही है. इसी मामले में कस्टम विभाग ने भी अग्रसेन गहलोत की कंपनी पर करीब 5.46 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाई था. अब इस घोटाले की जांच सीबीआई (CBI) ने भी शुरू कर दी है.

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